Haryana

सिरसा: प्रदेश में डीएपी व यूरिया खाद की कमी से किसान परेशान: सैलजा

सिरसा, 20 जून (Udaipur Kiran) । सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में डीएपी और यूरिया खाद की कई से कई जिलों में किसान परेशान है, खाद की कमी से फसलों की बिजाई प्रभावित हो रही है। सांसद ने सरकार से मांग की है कि त्वरित हस्तक्षेप कर डीएपी और यूरिया खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करे। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा दिया जाए ताकि किसानों को फसल का उचित मूल्य सुनिश्चित हो सके और वे बिचौलियों के शोषण से मुक्त हो सके।

सांसद सैलजा ने शक्रवार को जारी एक प्रेस बयान में कहा हैै कि हरियाणा के किसान इन दिनों डीएपी और यूरिया की भारी कमी से जूझ रहे हैं। सिरसा, फतेहाबाद, कैथल समेत अनेक जिलों में खाद न मिलने से किसानों की बुवाई प्रभावित हो रही है। ऐसे में सरकार त्वरित हस्तक्षेप कर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करे। सांसद ने कहा कि पहले सिंचाई पानी की कमी थी और अब बरसात के बाद फसलों की बिजाई का सही समय है, पर किसान डीएपी और यूरिया खाद की कमी से जूझ रहा है। सरकारी खरीद केंद्र पर खाद नहीं है पर प्राइवेट एजेंसी पर खाद है जो खाद के मनमाने दाम वसूल कर रहे है। ऐसा बिना अधिकारियों की मिली भगत के संभव नहीं है। सरकार को डीएपी और यूरिया खाद की मांग को ध्यान में रखते हुए किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराना चाहिए ताकि वह सही समय पर फसलों की बिजाई कर सके।

सैलजा ने कहा हैे कि पराली प्रबंधन के लिए चलाई गई सुटेबल टू बेल स्कीम के तहत किसानों ने सहयोग किया, परंतु अब तक उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है, जिससे किसानों में नाराजगी है। यह भुगतान तत्काल किया जाना चाहिए। सांसद ने जोर देकर कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा दिया जाए ताकि किसानों को फसल का उचित मूल्य सुनिश्चित हो सके और वे बिचौलियों के शोषण से मुक्त हो सके।

सांसद ने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार की गिरती शैक्षणिक स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की और आग्रह किया कि विश्वविद्यालय को बजट और संरचनात्मक सहायता देकर पुन: कृषि अनुसंधान और शिक्षा का अग्रणी संस्थान बनाया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने ग्रामीण इलाकों में सडक़, पानी, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे बुनियादी ढांचे के अभाव की ओर ध्यान आकृष्ट किया और कहा कि ग्रामीण भारत को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को विशेष वित्तीय प्रावधान करने चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma

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