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राष्ट्रपति मुर्मु के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति सहित कई नेताओं ने दी शुभकामनाएं

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, 20 जून (Udaipur Kiran) । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का आज 66वां जन्मदिन पूरे सम्मान और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति को देशभर से शुभकामनाएं प्राप्त हुईं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनके सेवा भाव, सादगी और प्रेरणादायी नेतृत्व की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर प्लेटफार्म एक्स पर बधाई संदेश में लिखा, “राष्ट्रपति जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। देशभर के करोड़ों लोगों के लिए उनका जीवन और नेतृत्व प्रेरणास्रोत है। सार्वजनिक सेवा, सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता हम सभी के लिए आशा और शक्ति का स्रोत है। उन्होंने हमेशा गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने का कार्य किया है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह दीर्घायु और स्वस्थ रहें और देश सेवा में निरंतर लगी रहें।”

उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रपति मुर्मु को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके जीवन संघर्ष और सेवा को सलाम किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, “भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। साधारण पृष्ठभूमि से भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक की उनकी असाधारण यात्रा हमारे लोकतंत्र की सच्ची भावना को दर्शाती है। उन्होंने जनसेवा के अपने हर पड़ाव चाहे विधायक रही हों, राज्यपाल रहीं हों या अब राष्ट्रपति हर स्तर पर उत्कृष्टता की मिसाल पेश की है। यह एक ऐसी विरासत है जो अनुकरणीय है।”

उपराष्ट्रपति ने यह भी बताया कि उन्होंने एक दिन पूर्व, राष्ट्रपति भवन जाकर स्वयं राष्ट्रपति मुर्मु को बधाई दी थी।

अन्य नेताओं ने भी राष्ट्रपति को शुभकामनाएं दी हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित अनेक नेताओं ने राष्ट्रपति को शुभकामनाएं दीं। सभी ने राष्ट्रपति की सादगी, समर्पण और समाज के वंचित वर्गों के लिए उनके योगदान की प्रशंसा की।

उल्लेखनीय है कि द्रौपदी मुर्मु देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। उन्होंने 25 जुलाई 2022 को पदभार ग्रहण किया। वे झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं और ओडिशा में विधायक तथा मंत्री के रूप में भी सेवा दे चुकी हैं। उनकी जीवन यात्रा एक शिक्षक और सामान्य परिवार की महिला से देश के सर्वोच्च पद तक भारत के लोकतंत्र और समावेशिता की मिसाल है।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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