Jammu & Kashmir

स्मार्त संप्रदाय 21 जून, वैष्णव संप्रदाय 22 जून को रखेगा योगिनी एकादशी व्रत

Rohit

जम्मू, 19 जून (Udaipur Kiran) । वर्ष में सामान्यतः 24 एकादशियाँ होती हैं लेकिन जब अधिकमास (मलमास) आता है, तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। इनमें से एक विशेष व्रत, योगिनी एकादशी आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री (ज्योतिषाचार्य) ने बताया कि योगिनी एकादशी का महत्व तीनों लोकों में स्वीकार किया गया है। इस दिन व्रत रखने से मनुष्य को सुख-समृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से यह व्रत कोढ़ जैसी असाध्य बीमारियों से भी मुक्ति प्रदान करता है। यह व्रत पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा किया जा सकता है।

एकादशी तिथि प्रारंभ: 21 जून, शनिवार प्रातः 07:19 बजे, एकादशी तिथि समाप्त: 22 जून, रविवार प्रातः 04:28 बजे, स्मार्त संप्रदाय (सामान्य गृहस्थी) के अनुसार व्रत 21 जून, शनिवार को रखा जाएगा। वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी 22 जून, रविवार को व्रत रखें। स्मार्त संप्रदाय से दीक्षित लोग 21 जून को व्रत करें और वैष्णव संप्रदाय से दीक्षित लोग 22 जून को व्रत करें। वे भक्तजन जो वैष्णव गुरु से दीक्षित हों, गले में तुलसी की कंठी धारण करते हों, माथे या शरीर पर गोपी चंदन, उर्ध्वपुंड्र, श्रीखंड, विष्णुचरण आदि के चिन्ह धारण करते हों वही वैष्णव संप्रदाय में आते हैं।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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