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बनभूलपुरा हिंसा: हाईकोर्ट ने फईम हत्याकांड की एसआईटी जांच को दी मंजूरी

नैनीताल हाईकोर्ट।

नैनीताल, 19 जून (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने बनभूलपुरा हिंसा के दौरान गोली लगने से हुई फईम की मौत के मामले में सीबीआई जांच की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को जांच का जिम्मा सौंप दिया है। एसआईटी की अगुवाई एसपी क्राइम जगदीश चंद्रा करेंगे। टीम में सीओ नितिन लोहनी, एसआई प्रमोद पाठक व दो अन्य अधिकारी शामिल हैं।मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने लगातार दूसरे दिन मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि अब यह हत्या का मामला है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।कोर्ट ने सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर एसआईटी टीम की जानकारी ली। पुलिस मुख्यालय ने उन्हें बताया कि पीपीएस एसपी क्राइम/ट्रैफिक जगदीश चंद्रा, सीओ नितिन लोहनी, एसआई प्रमोद पाठक व दो अन्य को नामित किया गया है। न्यायालय ने इस पर अपनी संस्तुति दे दी। इसमें एसपी जगदीश चंद्र एसआईटी को लीड करेंगे। टीम हर माह प्रोग्रेसिव रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल करेगी। न्यायालय ने ये भी कहा कि डीजीपी और सचिव गृह एसआईटी की सभी जरूरतों को पूरा करेंगे। पूर्व में खंडपीठ ने पुलिस जांच को अजब गजब बताते हुए जांच अधिकारी नीरज भाकुनी को जिले से बाहर तबादला करने को कहा था जिस पर न्यायालय को बताया गया कि उन्हें पिथौरागढ़ जिले में भेज दिया गया है।मामले के अनुसार, मृतक के भाई परवेज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि नैनीताल के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस को 6 मई 2024 को निर्देश दिए थे कि मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर इसकी जांच करें और उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। लेकिन आज तक पुलिस ने इसकी जांच ही नहीं की इसलिए उन्होंने मामले की सीबीआई से जांच कराने व परिवार को सुरक्षा दिलाने को लेकर याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि 8 फरवरी 2024 को बनभूलपुरा हिंसा के दौरान फईम की गोली लगने से मौत हो गई थी। उसके बाद परिजनों ने इसकी जांच कराने के लिए पुलिस और प्रशासन से कई बार शिकायत की लेकिन पुलिस ने न तो इसकी जांच की और न ही मुकदमा दर्ज किया। उसके बाद मुकदमा दर्ज कराने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल की कोर्ट में वाद दायर किया गया। मजिस्ट्रेट ने पुलिस को मुकदमा दर्ज करने और उसकी रिपोर्ट पेश करने को कहा। लेकिन वर्तमान तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। याचिका में कहा कि फईम की मौत हिंसा के दौरान नहीं, बल्कि अज्ञात लोगों की गोली मारने से हुई।

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(Udaipur Kiran) / लता

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