झज्जर, 19 जून (Udaipur Kiran) । जिले के 10 गांवों के लोगों ने गांव गोरिया के पास एथेनॉल प्लांट लगाने का विराेध किया है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां बड़े स्तर पर एथेनॉल का उत्पादन खतरनाक प्रदूषण फैलाएगा। इस मुद्दे को लेकर गुरुवार को गांव गोरिया में पंचायत हुई। पंचायत में कहा गया कि इस प्लांट को लगाने की योजना रद्द नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा।
बता दें कि जिले के गांव झाड़ली के पास निजी क्षेत्र के सहयोग से एक विशाल एथेनॉल प्लांट लगाने की योजना पर काम चल रहा है। यह प्लांट गांव गोरिया की 15 एकड़ जमीन में लगाया जा रहा है। ग्रामीण यहां एथेनॉल उत्पादन संयंत्र नहीं लगाने की मांग कर रहे हैं। गोरिया, झाड़ली, खानपुर और आसपास के गांव के लोगों का कहना है यहां इस तरह के केमिकल का उत्पादन शुरू हुआ तो इलाके में प्रदूषण फैलेगा और बीमारियां बढ़ेंगी। क्षेत्र की वायु के अलावा भूजल भी दूषित होगा। गुरुवार को गोरिया गांव में हुई पंचायत में 10 गांव के लोगों ने भाग लिया। पंचायत में कहा गया कि इलाके में पहले से ही नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन के थर्मल पावर प्लांट के अलावा सीमेंट की कई फैक्ट्रियां चल रही हैं। जिनसे कम से कम 10 गांव में भयंकर प्रदूषण फैलता है। इस प्रदूषण से लोगों को कैंसर, दमा, फेफड़ों की बीमारी और आंखों में जलन जैसी समस्याएं आती हैं। फैसलें भी खराब हो जाती हैं।
पंचायत के आयोजकों ने बताया कि पिछले हफ्ते भी शुक्रवार के दिन झज्जर में उपायुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल से मिलकर ग्रामीणों के प्रतिनिधियों ने गोरिया में एथेनॉल का प्लांट लगाने की योजना रद्द करने की प्रार्थना की थी। उसके बाद बुधवार 17 जून को उन्होंने (ग्रामीणों) ने प्लांट का निर्माण कार्य भी रुकवा दिया था। पंचायत में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि यह एथेनॉल का प्लांट लगाने से रोकने के लिए ग्रामीण आंदोलन के अलावा किसी भी हद तक जा सकते हैं।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज
