
कोलकाता, 19 जून (Udaipur Kiran) । मानसून की सक्रियता ने पश्चिम बंगाल के कई जिलों में तबाही मचा दी है। बांकुड़ा और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों में लगातार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मंगलवार से जारी मूसलधार बारिश ने शिलाबती और तमाल जैसी नदियों को उफान पर ला दिया है, जिससे कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
शिलाबती नदी पर स्थित सिमलापाल पुल पर गुरुवार तड़के से पानी बहने लगा, जिसके चलते बांकुड़ा-झाड़ग्राम राज्य सड़क पर यातायात पूरी तरह बंद हो गया। पुल पार करने के प्रयास में तीन ट्रक बीच पानी में फंस गए, जिन्हें स्थानीय लोगों ने मिलकर सुरक्षित निकाला। भेलाइडीहा पुल भी शिलाबती के तेज बहाव में डूब चुका है।
पश्चिम मेदिनीपुर में बाढ़ जैसे हालात
लगातार बारिश से पश्चिम मेदिनीपुर के गड़बेता एक ब्लॉक और गड़बेता दो ब्लॉक के तीन ग्राम पंचायत क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। चंद्रकोणा और घाटाल महकमा के कई इलाके पानी से घिरे हैं। प्रशासनिक प्रयासों के तहत सैकड़ों लोगों को राहत शिविरों में शरण दी जा रही है।
गड़बेता दो के बीडीओ देवऋषि बनर्जी ने बताया कि सरबत, जोगारडांगा और पियाशाला इलाकों में पानी भर चुका है और वहां से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। पंचायत समिति के सभापति दिनबंधु दे ने बताया कि तीन क्षेत्रों के सौ से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, हालांकि पालाशिया में कुछ लोग अब भी फंसे हुए हैं।
शिलाबती नदी के तेज बहाव से मायता-गोयालतोड़-बांकुड़ा पक्की सड़क टूट चुकी है, जिससे संपर्क पूरी तरह टूट गया है। कई इलाकों में नदी किनारे की खेती योग्य भूमि जलमग्न हो गई है। साथ ही, गड़बेता एक और दो ब्लॉकों की कई सड़कें और पुल भी बह गए हैं।
मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सौम्यशंकर षड़ंगी ने बताया कि गड़बेता के नौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पानी में डूब चुके हैं। स्वास्थ्यकर्मी वहां पहुंचने में असमर्थ हैं। प्रशासन से नाव की मांग की गई है, हालांकि सभी केंद्रों और राहत शिविरों में दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
जिलाधिकारी खुर्शीद अली कादरी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और बीडीओ तथा स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर खोल दिए गए हैं और वहां भोजन तथा अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
हालांकि इस बार मानसून दक्षिण बंगाल में देरी से आया, लेकिन इसके असर ने गंगा के मैदानी इलाकों में भारी तबाही मचाई है। मौसम विभाग ने दक्षिण बंगाल के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
