

मुंबई, 17 जून ( हि.स.) । ठाणे शहर विधायक संजय केलकर की पहल और संकल्पना पर, ठाणे जेल में जल्द ही क्रांतिकारियों से संबंधित एक संग्रहालय स्थापित किया जाएगा और दिवाली तक यह सभी के लिए खुल जाएगा,संजय. केलकर ने जानकारी देते हुए आज बताया कि विशेषज्ञों के साथ जेल में जाकर संग्रहालय का उन्होंने स्वयं निरीक्षण किया है,और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि ठाणे जेल की इमारत की मूल रचना को बचाने में विधायक संजय केलकर ने बड़ी और सराहनीय भूमिका निभाई है। ठाणे जेल को स्थानांतरित कर अन्य स्थान पर इस ले जाने के प्रस्ताव का ठाणे शहर के विधायक संजय केलकर ने पुरजोर विरोध किया था।यहां पर स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी गई थी।केलकर ने कहा कि इस संग्रहालय के अवसर पर ठाणे जेल के इतिहास को एक बार फिर से ठाणे के लोग देख सकेंगे। इतिहास के विद्वान मकरंद जोशी ने भी इतिहास से संबंधित जानकारी दी। विदित है कि प्रसिद्ध मूर्तिकार वर्षा रेड्डी इस मूर्ति का निर्माण कर रही हैं। साथ ही उन्हें इतिहास शोधकर्ता पांडुरंग बलकावड़े का मार्गदर्शन भी मिल रहा है।
आज मंगलवार को बीजेपी नेता. केलकर ने इतिहास के विद्वान मकरंद जोशी, मूर्तिकार वर्षा रेड्डी और प्रज्ञा म्हात्रे के साथ जाकर संग्रहालय के काम का निरीक्षण किया। इसमें 1737 से 1947 तक के ठाणे मुक्ति संग्राम के इतिहास से जुड़ी मूर्तियां बनाने का काम चल रहा है। उस काम के निरीक्षण के साथ-साथ ठाणे कला प्रेमियों को कहां प्रवेश दिया जाए और प्रांगणों पर क्रांतिकारियों की मूर्तियां कैसे खड़ी की जाएं, इस बारे में जेल अधीक्षक रानी भोसले और संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा की गई। इस मौके पर जोशी और अय्यर ने ए. केलकर को यह भी बताया कि मूर्तियां कैसे खड़ी की जाएंगी और उन घटनाओं की जानकारी दी जाएगी। यह कार्लावकर द्वारा पूरा करने की ओर अग्रसर है। इसके लिए ए. केलकर के विधायक निधि और जिला नियोजन समिति के निधि से यह संग्रहालय बनाया जा रहा है। क्रांतिकारियों की मूर्तियां पांच फीट ऊंची बनाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि ठाणे जेल से पहले इस स्थान पर ठाणे किला था। इसलिए किले और जेल के इतिहास से जुड़ी मूर्तियां, पुर्तगालियों ने इस किले का निर्माण कैसे किया, मराठों ने इस पर कैसे विजय प्राप्त की, अंग्रेजों ने इसे कैसे जेल में बदल दिया, इन सबकी प्रदर्शनी वहां लगाई जाएगी। प्रत्येक मूर्ति के नीचे दो पंक्तियों में इतिहास लिखा जाएगा। ठाणे शहर में स्वतंत्रता आंदोलन की घटनाएं किस प्रकार घटित हुईं, यह इस प्रदर्शनी में देखा जाएगा।
यदि ठाणे जेल के इतिदास पर नजर डालें तो यहां पर इस अवसर पर ठाणेकरों द्वारा पुराना फांसी द्वार भी देखा जाएगा। इसी जेल में राघोजी भांगरे और अनंत कन्हेरे को फांसी दी गई थी। वासुदेव बलवंत फड़के, राघोजी भांगरे, अनंत कन्हेरे और उनके सहयोगियों, स्व. विनायक दामोदर सावरकर जैसे कई क्रांतिकारियों की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।
ठाणे शहर विधायक संजय केलकर का मानना है कि ठाणे एक ऐतिहासिक शहर है, इसलिए, इस ऐतिहासिक स्मारक को इस संग्रहालय के माध्यम से संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। ठाणे जेल और उसका पूर्व किला महत्वपूर्ण स्थल हैं।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
