
मीरजापुर, 17 जून (Udaipur Kiran) । अब महिलाएं केवल घर की चौखट तक सीमित नहीं रहेंगी। वे स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ा चुकी हैं और अब सूक्ष्म उद्यम सखी बनकर न केवल खुद का कारोबार खड़ा करेंगी, बल्कि दूसरों को भी जोड़ेंगी। इसी कड़ी में मंगलवार को जमालपुर ब्लॉक सभागार में 45 महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की परीक्षा दी।
खंड विकास अधिकारी डॉ. रक्षिता सिंह की निगरानी में हुई इस परीक्षा में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने हिस्सा लिया। कुल 53 में से 45 महिलाएं पहुंचीं। जबकि 8 महिलाएं किसी वजह से नहीं आ सकीं। एक घंटे की परीक्षा में वस्तुनिष्ठ सवाल पूछे गए, जिनका उत्तर इंटरमीडिएट पास इन महिलाओं ने आत्मविश्वास से दिया। जो महिलाएं इस परीक्षा में सफल होंगी, उन्हें सूक्ष्म उद्यम सखी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। वे गांव-गांव जाकर स्वरोजगार की अलख जगाएंगी। चाहे वह अचार-मुरब्बा का काम हो, सिलाई-कढ़ाई हो या फिर ब्यूटी पार्लर या मोबाइल रिपेयरिंग तक। इस मौके पर मौजूद एडीओ आईएसबी मुकेश कुमार शर्मा, खंड मिशन प्रबंधक नीलेश श्रीवास्तव और शशिकांत सिंह ने इसे महिलाओं की आर्थिक आजादी की दिशा में बड़ा कदम बताया।
पहचान गढ़ने की शुरुआत अब ये महिलाएं ‘उद्यम सखी’ बनकर अपने जैसे सैकड़ों महिलाओं के जीवन में रोशनी भरेंगी। यह केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि गांव की बेटियों को ‘नायक’ बनाने की एक सच्ची कोशिश है।
क्यों खास है यह पहल? – महिलाएं अपने व्यवसाय की मालकिन बनेंगी- स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा- गांव में रोजगार सृजन होगा- महिलाओं में नेतृत्व क्षमता विकसित होगी
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
