
जोधपुर, 17 जून (Udaipur Kiran) । काजरी स्थित भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मरुस्थलीकरण नियंत्रण पर्यावरण सूचना, जागरूकता, क्षमता निर्माण और आजीविका कार्यक्रम (ईआईएसीपी) द्वारा संस्थान में विश्व मरुस्थलीकरण एवं सूखा रोकथाम दिवस के उपलक्ष में विभिन्न कार्यक्रम संस्थान के निदेशक डॉ. सुमन्त व्यास के निर्देशन में आयोजित किए गए।
इस अवसर पर लकी इंस्टिट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज के स्नातक एवं स्न्ताकोर के विद्यार्थियों के लिए विशेषज्ञों द्वारा मरुस्थलीकरण एवं सूखा रोकथाम, भूमि को पुन: स्थापित करना एवं अवसरों को खोजना विषय पर व्याख्यान, कृषि पारिस्थितिकी पर्यटन उद्यान का भ्रमण एवं पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ईआईएसीपी के प्रभारी डॉ. पीसी महाराणा ने इस दिवस के महत्त्व के बारे में बताया और पश्चिमी राजस्थान के थार मरुस्थलीय क्षेत्रो की विभिन्न समस्यों एवं उनकी रोकथाम के बारे में जानकारी दी एवं टिब्बा स्थिरीकरण के मॉडल को विद्यार्थियों को विस्तार से बताया।
प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. मयूर भाटी ने ईआईएसीपी की गतिविधियों एवं मिशन लाइफ के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। प्राकृतिक संसाधन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रियब्रत सांतरा ने अपने उदबोधन में जल विज्ञान संबंधी सूखा, मौसम विज्ञान संबंधी सूखा, कृषि संबंधी सूखा के बारे में बताया।
डॉ. सांतरा ने राजस्थान के शुष्क क्षेत्रो में मरुस्थलीकरण को रोकने के लिए काजरी द्वारा विकसित की गई विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी दी एवं मरुस्थलीकरण को रोकने एवं सूखे से निपटने के लिए लोगो में जागरूकता फेलाने के लिए ईआईएसीपी केंद्र द्वारा आयोजित शिविरों की सराहना की।
सदस्य ईआईएसीपी डॉ. विपिन चौधरी ने सभी विद्यार्थियों, काजरी के वैज्ञानिको, अधिकारियो एवं कॉलजे के प्राचार्यो के लिए संवाद का आयोजन किया, जिसमें सभी आगंतुकों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये। वैज्ञानिक डॉ. मनोज परिहार ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का सञ्चालन, डॉ. मयूर भाटी, अविनाश खत्री ने किया।
(Udaipur Kiran) / सतीश
