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वित्त विभाग ने की कोषागार पर जबरन रोक, अनुमोदित बजट की राशि भी अटकी: केशव नायक

केशव नायक प्रधान मंडी कॉन्ट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश।

मंडी, 17 जून (Udaipur Kiran) । मंडी कॉंट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान केशव नायक ने कहा कि प्रदेश के वित्त विभाग द्वारा राजकीय कोष पर जबरन नियंत्रण स्थापित कर, पूर्व स्वीकृत एवं अनुमोदित बजट की राशि पर भी रोक लगा दी गई है। यहां जारी बयान में केशव नायक ने कहा कि विभाग ने अपने विशेषाधिकार का अतिक्रमण करते हुए कोषागार की नियमित प्रक्रिया को बाधित किया है, जिससे ठेकेदारों, आपूर्तिकर्ताओं और विभागीय अधिकारियों के समक्ष भुगतान का संकट गहरा गया है। यह स्थिति न केवल राजकोषीय अनुशासन का उल्लंघन है, बल्कि संविधान द्वारा स्थापित राजकीय कोष की स्वायत्तता के भी प्रतिकूल है।

उन्होंने कहा कि सरकारी ट्रेज़री की प्रक्रिया के तहत, जब कोई राशि विधानसभा द्वारा बजट में स्वीकृत हो जाती है, तो वित्त विभाग का कार्य केवल उसकी समयबद्ध रिलीज़ सुनिश्चित करना होता है, न कि उस पर अनधिकृत रोक लगाना।

कशव नायक ने आरोप लगाया कि वित्तीय वर्ष 2024–25 में स्वीकृत करोड़ों की राशि ट्रेज़री में होने के बावजूद रोकी गई। कोष नियंत्रकों को मौखिक निर्देश देकर भुगतान न करने को कहा गया। जबकि कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, लेकिन भुगतान न होने से बैंक खाते एनपीए बन रहे हैं। सरकार का वित्त विभाग अब कार्यपालक अधिकारी नहीं, नियंत्रक बन बैठा है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था की अवमानना है। अगर यही स्थिति रही तो प्रदेश के विकास की गति पूर्णतः ठप हो जाएगी। निर्माण संघ संयोजक इस पूरे घटनाक्रम ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकार की वित्तीय स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि उसे अपने ही अनुमोदित बजट और कोष को अवैध रूप से नियंत्रित करना पड़ रहा है। क्या यह वित्तीय अघोषित आपातकाल है। प्रदेश भर के ठेकेदार संघों, व्यावसायिक मंडलों और आपूर्तिकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि ट्रेज़री पर लगी रोक को तुरंत नहीं हटाया गया और बकाया भुगतान नहीं किया गया, तो वे राज्यव्यापी आर्थिक बंद और मुख्य सचिव कार्यालय का घेराव करेंगे।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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