West Bengal

दिल्ली पुलिस की वर्दी पहनकर एटीएम लूट, जलपाईगुड़ी में गिरोह का पर्दाफाश

उत्तर बंगाल में गिरफ्तार आरोपित

कोलकाता, 17 जून (Udaipur Kiran) । जलपाईगुड़ी के मयनागुड़ी-लाटागुड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग पर बौलबाड़ी बाजार स्थित एटीएम लूटकांड को अंजाम देने वाले गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार कर लिए गए हैं, जबकि दो आरोपित अब भी फरार हैं। गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ के बाद पुलिस ने चौंकाने वाली जानकारी साझा की है—गिरोह का सरगना असलूप खान कभी दिल्ली पुलिस में कार्यरत था, जिसे भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था। पुलिस ने बताया कि लूट के दौरान आरोपित दिल्ली पुलिस की वर्दी और टोपी का इस्तेमाल करते थे ताकि संदेह से बचा जा सके।

पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि उनका मुख्य पेशा देश के विभिन्न राज्यों में एटीएम लूट करना है। लूट के दौरान इस्तेमाल की गई सफेद कार से दिल्ली पुलिस की टोपी और कई राज्यों के फर्जी नंबर प्लेट बरामद किए गए हैं। पुलिस का मानना है कि हर राज्य में कार्रवाई से पहले गिरोह उसी राज्य के नंबर प्लेट का इस्तेमाल करता था ताकि संदेह न हो।

एटीएम लूट की घटना को हुए 60 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन दो आरोपित अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। उन्हें पकड़ने के लिए बैकुंठपुर वन क्षेत्र में पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम सघन तलाशी अभियान चला रही है। स्थानीय चाय बागान और आदिवासी बस्तियों के लोग भी इस अभियान में पुलिस की मदद कर रहे हैं।

बैगुंठपुर का घना जंगल हाथियों, तेंदुओं और बाइसन जैसे वन्यजीवों से भरा हुआ है। पुलिस के लिए सबसे बड़ा खतरा हाथियों के झुंड से टकराने का है। पिछले कुछ महीनों में इस इलाके में हाथियों के हमले में छह लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद पुलिस और वन विभाग की टीम जोखिम उठाकर तलाशी अभियान में जुटी है।

तलाशी अभियान में ड्रोन और नाइट विजन कैमरों की मदद ली जा रही है। गाजलडोबा के पास स्थित सरस्वतीपुर चाय बागान और उसके निकटवर्ती इलाकों में लगातार नजर रखी जा रही है। पास ही बहती है तीस्ता नदी, और उसके उस पार फैला है घना जंगल। पुलिस दोनों ओर निगरानी बनाए हुए है।

पुलिस ने बताया कि लूट के दौरान एक स्थानीय व्यक्ति ने संदिग्ध कार की जानकारी नंबर प्लेट सहित तत्काल पुलिस को दी थी, जिससे गिरोह तक पहुंचने में मदद मिली। सरस्वतीपुर चाय बागान के निवासियों ने भी अभियान में सक्रिय भागीदारी की। पुलिस ने सभी सहयोगियों को जल्द ही सम्मानित करने का निर्णय लिया है।

पुलिस अधीक्षक उमेश गणपत खान्डबाहाले ने मंगलवार अपराह्न जानकारी दी कि इस गिरोह का नेटवर्क बिहार और हरियाणा तक फैला हुआ है और इससे पहले रायगंज व सिलीगुड़ी में भी इसी प्रकार की वारदात को अंजाम दिया गया है। गिरोह कुछ समय तक भूमिगत रहता है और फिर से सक्रिय हो जाता है। अब पुलिस की प्राथमिकता फरार आरोपितों को पकड़ना और पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करना है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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