West Bengal

चप्पल विवाद पर बोले सुकांत मजूमदार— ‘उत्तेजना में हुआ’, सिख समुदाय से मांगी माफ़ी

सुकांत मजूमदार

कोलकाता, 17 जून (Udaipur Kiran) ।

पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष और बालुरघाट से सांसद सुकांत मजूमदार ने आखिरकार उस विवादास्पद घटना को लेकर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांग ली है, जिसमें उन पर एक सिख पुलिसकर्मी की पगड़ी पर हवाई चप्पल के आकार का कटआउट फेंकने का आरोप लगा था। यह घटना 12 जून को कोलकाता के कालीघाट इलाके में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के बाहर बीजेपी के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी।

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सिख समुदाय में गहरा आक्रोश फैल गया था। कई जिलों के गुरुद्वारों की ओर से सुकांत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उनसे तुरंत माफ़ी मांगने की मांग उठी। पहले तो सुकांत ने इसे राजनीतिक साज़िश बताया था, लेकिन बढ़ते विरोध के बीच मंगलवार को उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर एक बयान जारी कर माफ़ी मांग ली।

अपने पोस्ट में सुकांत ने लिखा, “उत्तेजना के क्षण में, पुलिस की ओर फेंका गया एक प्लेकार्ड दुर्घटनावश मेरे सुरक्षा दायित्व में तैनात एक सिख सीआईएसएफ अधिकारी की पवित्र पगड़ी पर गिर गया। यदि इस अनजाने हादसे से किसी भी सिख भाई या बहन की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची हो, तो मैं विनम्रतापूर्वक उनसे क्षमा चाहता हूं।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह और उनकी पार्टी धार्मिक आस्थाओं, पवित्र पगड़ी की गरिमा और सिख समुदाय की गौरवशाली परंपरा का अत्यधिक सम्मान करते हैं।

हालांकि, घटना के बाद प्रदेश के विभिन्न गुरुद्वारों और सिख संगठनों ने तीव्र प्रतिक्रिया दी थी। आरोप लगाया गया कि सिख समुदाय के लिए पगड़ी या ‘दस्तार’ न केवल धार्मिक प्रतीक है, बल्कि वह उनकी आत्मा, अनुशासन और स्वतंत्रता का भी प्रतीक है। इसलिए इस घटना को समुदाय की गरिमा के खिलाफ माना गया।

इससे पहले, सुकांत ने अपने बचाव में दावा किया था कि उन्हें एक पुलिस अधिकारी ने धक्का दिया था, जिससे कटआउट गिर गया। उन्होंने यह भी कहा था कि संबंधित सिख अधिकारी ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी लेकिन इन तर्कों से सिख समुदाय संतुष्ट नहीं हुआ।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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