
नैनीताल, 16 जून (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने काशीपुर में ई-रिक्शा के रूट निर्धारण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता तीन माह के भीतर संबंधित विभाग को प्रत्यावेदन दें और राज्य सरकार उस पर नियमानुसार निर्णय ले।मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार, काशीपुर निवासी अभिमन्यु भारद्वाज ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि शहर में ई-रिक्शा के लिए कोई निर्धारित रूट नहीं है, जिससे यह वाहन अव्यवस्थित रूप से हाईवे से लेकर किसी भी मार्ग पर संचालित हो रहे हैं। याचिका में कहा कि ई-रिक्शा की अधिकतम गति 25 किमी प्रति घंटा होती है ऐसे में हाईवे पर इनके संचालन से हादसे होने की आशंका बनी रहती है। याचिका में कहा गया कि भारत सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 66 के अंतर्गत ई-रिक्शा को परमिट की अनिवार्यता से छूट दी है, लेकिन इनके रूट निर्धारण की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर छोड़ी गई है। इसके बावजूद अब तक राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई स्पष्ट नीति नहीं बनाई। इसके चलते ई-रिक्शा की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट से प्रार्थना की गई कि ई-रिक्शा के रूटों का निर्धारण किया जाए जिससे यातायात व्यवस्था सुचारू हो सके और संभावित दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
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(Udaipur Kiran) / लता
