
कोलकाता, 16 जून (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ओबीसी सूची को लेकर जनता के बीच फैले भ्रम और असंतोष पर चिंता जताई है। सोमवार को विधानसभा में बोलते हुए और फिर बाद में कैबिनेट की बैठक में, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने यह सूची अदालत के निर्देश के अनुसार और ओबीसी आयोग की सिफारिशों के आधार पर तैयार की है। उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को इस पूरी प्रक्रिया की सही जानकारी दें और उन्हें समझाएं कि इसमें राज्य सरकार की भूमिका सीमित रही है।
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सभी समुदायों को किया गया शामिल, मुस्लिम और गैर-मुस्लिम दोनों के लिए आरक्षण सुनिश्चित
ममता बनर्जी ने बताया कि तैयार की गई ओबीसी सूची में कुल 140 समुदायों को शामिल किया गया है, जिनमें 80 मुस्लिम और 60 गैर-मुस्लिम समुदाय हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस सूची से मुस्लिम समुदाय के कुछ वर्गों में भी नाराज़गी है, क्योंकि कई लोगों का वर्गीकरण बदल गया है। कुछ लोग जो पहले ‘ओबीसी-ए’ में थे, अब ‘ओबीसी-बी’ में आ गए हैं और कुछ इसके उलट हो गए हैं, जिससे भ्रम और असंतोष उत्पन्न हुआ है।
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राज्य सरकार का दावा – पूरी प्रक्रिया पारदर्शी, ओबीसी आयोग की भूमिका रही प्रमुख
कैबिनेट बैठक के बाद पुस्तकालय मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा कि ओबीसी सूची पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देशों के तहत बनाई गई है और इसमें ओबीसी आयोग ने स्वतंत्र रूप से काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार पर कोई दोष नहीं डाला जा सकता, क्योंकि ओबीसी आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस कर सारी जानकारी सार्वजनिक कर दी है। यदि किसी को कोई संदेह हो तो आयोग द्वारा जारी अधिसूचना और प्रेस वार्ता से जानकारी ली जा सकती है।
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हाई कोर्ट के फैसले के बाद नई सूची, सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन
गौरतलब है कि 22 मई 2024 को कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा 2010 के बाद जारी किए गए लगभग 12 लाख ओबीसी प्रमाणपत्रों को अमान्य घोषित कर दिया था। अदालत ने कहा था कि ये प्रमाणपत्र अब किसी भी सरकारी योजना या भर्ती में वैध नहीं माने जाएंगे। इसके खिलाफ राज्य सरकार और ओबीसी कल्याण विभाग ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के आदेश पर कोई स्थगन नहीं दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केवल धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद, राज्य के सभी जिलों में जिलाधिकारियों के नेतृत्व में व्यापक सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण किया गया। उस सर्वेक्षण की रिपोर्ट ओबीसी विकास आयोग को सौंपी गई। आयोग ने एक महीने तक लगातार सॉल्ट लेक कार्यालय में सुनवाई कर सूची को अंतिम रूप दिया और उसे मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपा। अंततः दो जून को कैबिनेट बैठक में इस संशोधित सूची को स्वीकृति दी गई।
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रथयात्रा के दौरान शांति बनाए रखने के निर्देश, मुख्यमंत्री जाएंगी दीघा
कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने पश्चिम बंगाल केंद्रीय स्कूल सेवा आयोग में दो नए उप सचिव पदों को मंजूरी दी। साथ ही आगामी रथयात्रा को लेकर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में रथयात्रा के दौरान शांति और सौहार्द बनाए रखें। यह उत्सव 27 जून से पांच जुलाई तक मनाया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री खुद दीघा जाएंगी और उनके साथ कई मंत्री भी मौजूद रहेंगे।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
