
प्रयागराज, 16 जून (Udaipur Kiran) । प्रौद्योगिकी की दुनिया निरंतर विकास की स्थिति में है। आधुनिक समाज की मांगों को पूरा करने के लिए वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन (वीएलएसआई) डिजाइन का क्षेत्र बहुत तेजी से उभर रहा है, जिसने महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया है।
यह बातें हैदराबाद माइक्रोन टेक्नोलॉजीज के प्रमोद जैन ने सोमवार को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद की ओर से झलवा परिसर में वीएलएसआई डिजाइन (एसटीपीवीडी 2025) पर आयोजित एक महीने के ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र में “वीएलएसआई उद्योग अंतर्दृष्टिः रुझान और अवसर“ पर कही। यह कार्यक्रम तकनीकी रूप से आईईईई सर्किट एंड सिस्टम्स सोसाइटी चैप्टर, यूपी सेक्शन द्वारा सह प्रायोजित है।
उन्होंने कहा कि वीएलएसआई के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है, क्योंकि यह स्मार्टफोन से लेकर सुपर कम्प्यूटर तक आज हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले लगभग हर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है।
इस अवसर पर ट्रिपल आईटी के डीन, अकादमिक, प्रो. मनीष गोस्वामी ने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर मिशन वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में प्रवेश करने के लिए भारत सरकार द्वारा किया गया एक प्रयास है। सेमीकंडक्टर डिजाइन, डिस्प्ले फैब्रिकेशन इकाइयों की स्थापना सेमीकंडक्टर क्षेत्र में विकास के एक नए युग की ओर एक कदम है। इस क्षेत्र में कुशल पेशेवरों की महत्वपूर्ण आवश्यकता को पहचानते हुए, ट्रिपल आईटी, वीएलएसआई डिजाइन पर इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है, जिसका उद्देश्य छात्रों को इस गतिशील क्षेत्र में सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करना है।
सेमीकंडक्टर पर भारत सरकार की पहल और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सरकार की ओर से शुरू की गई विभिन्न योजनाओं पर प्रो. गोस्वामी जो आईईईई, उप्र, सर्किट एंड सिस्टम सोसाइटी के उपाध्यक्ष भी हैं, प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, झारखंड, कर्नाटक, केरल, ओडिशा, तमिलनाडु उत्तराखंड आदि सहित देश के विभिन्न हिस्सों से 80 से अधिक बीटेक-बीई छात्र इस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे हैं।
ईसीई विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजय सिंह ने वीएलएसआई के संदर्भ में अंतःविषय अनुसंधान के महत्व पर बल दिया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. प्रसन्ना मिश्रा ने चिप डिजाइन के महत्व और मानव सभ्यता में इसकी भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मनुष्यों की 7वीं बुनियादी जरूरत अब बैंडविड्थ है और इसी सेमीकंडक्टर को सपोर्ट करना बेहद जरूरी है। एसटीपीवीडी समन्वयक डॉ. कविंद्र कांडपाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
ट्रिपल आईटी के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ पंकज मिश्र ने बताया कि शाम को सीनेट हॉल में अहमदाबाद विमान दुर्घटना में लोगों की मौत पर दिवंगत आत्माओं की स्मृति में दो मिनट का मौन भी रखा गया। कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर ओ पी व्यास ने दिवंगत आत्माओं की शांति और शोकाकुल परिवारों को शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। इस अवसर पर प्रोफेसर मंदार कार्यकर्ता, रजिस्ट्रार, वरिष्ठ संकाय सदस्य, गैर शिक्षण कर्मचारी उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
