कटिहार, 26 नवम्बर (Udaipur Kiran) । पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (एनएफआर) जोन में संचयी सौर क्षमता अब 31 अक्टूबर, 2024 तक प्रभावशाली 7399 केडब्ल्यूपी तक पहुंच गई है। इस महत्वपूर्ण योगदान में लामडिंग मंडल (2882 केडब्ल्यूपी), रंगिया मंडल (1146 केडब्ल्यूपी), कटिहार मंडल (610 केडब्ल्यूपी), अलीपुरद्वार मंडल (441 केडब्ल्यूपी), तिनसुकिया मंडल (190 केडब्ल्यूपी) और न्यू बंगाईगांव एवं डिब्रूगढ़ कारखाना में 1000-1000 केडब्ल्यूपी के सौर संयंत्र शामिल हैं।
एनएफ रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने मंगलवार को बताया कि एनएफआर मुख्यालय में भी 130 केडब्ल्यूपी की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता है। पू. सी. रेलवे ने सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता बढ़ सकती है।
इस पहल से न केवल एनएफ रेलवे की ऊर्जा लागत में कमी आएगी, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने में भी मदद करेगी। पू. सी. रेलवे की इस पहल से न केवल ऊर्जा की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने में भी मदद करेगी।
इस पहल के अलावा एनएफ रेलवे ने अपने ऊर्जा संरक्षण प्रयासों को और भी मजबूत करने के लिए कई अन्य कदम उठाए हैं। इनमें ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग, ऊर्जा की बचत करने वाले उपायों को अपनाना और ऊर्जा संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाना शामिल है।
एनएफ रेलवे की इन पहलों से न केवल ऊर्जा की बचत होगी, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने में भी मदद करेगी। यह पहल पू. सी. रेलवे की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
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(Udaipur Kiran) / विनोद सिंह