शिमला, 25 नवंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारों की तादाद आठ लाख है। कांग्रेस की सुक्खू सरकार के कार्यकाल में युवाओं को नौकरियां मिलने के आंकड़े सामने आए हैं। सरकार के दो साल के कार्यकाल में करीब 15 हज़ार युवाओं को नौकरी मिली है। इनमें निजी क्षेत्र में 13 हज़ार युवाओं को रोजगार मिला, जबकि 13 सौ के करीब युवा सरकारी नौकरी में लगे। ये नौकरियां सरकार के श्रम एवं रोजगार विभाग के तहत बेरोजगार युवाओं को हासिल हुई हैं।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा रोज़गार मेलों एवं कैम्पस साक्षात्कार के माध्यम से युवाओं को निजी क्षेत्र में रोज़गार के नवीन अवसर दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनवरी, 2023 से अब तक श्रम एवं रोज़गार विभाग द्वारा आठ रोज़गार मेलों और 771 कैम्पस साक्षात्कार किए गए और इनके माध्यम से 13,637 युवाओं को निजी क्षेत्र में रोज़गार मिला है।
प्रवक्ता ने बताया कि इसके अलावा जनवरी 2023 से अब तक 1,327 आवेदकों को सरकारी क्षेत्र में रोज़गार कार्यालयों के माध्यम से रोज़गार प्रदान किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 1 अगस्त, 2023 से रोज़गार कार्यालयों में पूर्णतः ऑनलाईन पंजीकरण सुविधा आरम्भ की गई है। रोजगार कार्यालयों में ई.ई.एम.आई.एस. पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को पूर्णतः ऑनलाईन पंजीकरण के नवीकरण की सुविधा उपलब्ध है, जिससे युवा बिना रोजगार कार्यालय आए, घर बैठे या लोकमित्र केन्द्रों आदि से पोर्टल पर जाकर पंजीकरण एंव पंजीकरण का नवीनीकरण करवा सकते हैं। उक्त पोर्टल पर नियोक्ताओं के पंजीकरण का भी प्रावधान किया गया है।
प्रदेश में करीब आठ लाख बेरोजगार पंजिकृत, कांगड़ा में सबसे ज्यादा तादाद
प्रदेश में बेरोजगारी हर विधानसभा चुनावों में बड़ा सियासी मुद्दा भी रहा है। आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में करीब आठ लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं। कांगड़ा जिले में बेरोजगारों की सबसे बड़ी तादाद है, जो करीब 1.66 लाख के करीब है। इसके बाद मंडी, शिमला, ऊना, चंबा, हमीरपुर जिले का स्थान है। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक 31 मार्च 2021 तक प्रदेश में 2,79,365 लोग 4417 प्रतिष्ठानों में सरकारी क्षेत्र में जबकि 1,95,791 लोग 1824 निजी क्षेत्र में कार्यरत थे।
गौरतलब है कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के लोगों को 10 गारंटियां दीं थीं, जिनमें युवाओं को पांच लाख नौकरियां के अवसर पैदा करने का वायदा किया था। वहीं पहली कैबिनेट में एक लाख नौकरियों की बात की गई थी, लेकिन पिछले 22 महीने में 15 हज़ार नौकरियां दी जा सकी हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा