कोलकाता, 23 नवंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) द्वारा फैलाए गए झूठ और अफवाहें मतदाताओं को प्रभावित करने में नाकाम रहीं। तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को राज्य की सभी छह विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर विपक्ष को ये जवाब दिया है।
हालांकि, विपक्षी दलों ने इस परिणाम को राज्य में बढ़ते जन असंतोष का सही प्रतिबिंब मानने से इनकार किया। भाजपा और कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस को चुनौती देने के लिए अपने संगठन को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा को अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत कर जनता के असंतोष को वोटों में बदलने पर काम करना होगा। उन्होंने 2026 के विधानसभा चुनावों में तृणमूल को टक्कर देने के लिए जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया।
तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सभी छह उम्मीदवारों को निर्णायक जीत के लिए बधाई दी। उन्होंने इसे बंगाल विरोधी ताकतों के खिलाफ जनता की लोकतांत्रिक जीत बताया। उन्होंने कहा कि मैं बंगाल की जनता के सामने नतमस्तक हूं, जिन्होंने झूठे प्रचार और विरोधियों को खारिज कर हम पर भरोसा जताया।
तृणमूल के लोकसभा नेता सुदीप बनर्जी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस सफलता का श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी राजनीति में असाधारण नेता हैं। लोग उनके विकास के विचारों और दूरदर्शिता से प्रेरित हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि उपचुनाव के परिणाम किसी भी पार्टी के समर्थन या विरोध का पैमाना नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, यह देखना अभी बाकी है कि जनता वास्तव में तृणमूल के साथ है या नहीं, यह आने वाले चुनावों में स्पष्ट होगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि चुनाव में लोगों को वोट डालने से रोका गया। उन्होंने कहा कि यह नतीजे पहले से ही तय थे। महिलाएं और अन्य लोग डर और दबाव के कारण मतदान नहीं कर सके।
माकपा के केंद्रीय समिति सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने तृणमूल की जीत को स्वीकार किया, लेकिन राज्य की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि तृणमूल की जीत को आर.जी. कर अस्पताल की घटना से जोड़ना गलत होगा। लोगों ने अपराध के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध जताया है।
तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने किसी भी राजनीतिक बयान से बचते हुए जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, मैं ‘मां, माटी, मानुष’ का दिल से धन्यवाद करती हूं। आपका आशीर्वाद हमें जनता के लिए काम करने की शक्ति देगा।
तृणमूल ने छह में से पांच सीटों पर कब्जा बरकरार रखते हुए भाजपा से मदारीहाट सीट भी छीन ली। इन सीटों पर चुनाव 13 नवंबर को हुए थे। नैहाटी, हाड़ोआ, मेदिनीपुर, तालडंगरा, सिताई (अनुसूचित जाति) और मदारीहाट (अनुसूचित जनजाति) सीटों पर हुए उपचुनाव सत्तारूढ़ दल के लिए महत्वपूर्ण परीक्षा माने जा रहे थे।
तृणमूल की इस जीत ने एक बार फिर राज्य में उसकी राजनीतिक ताकत को मजबूत किया है, भले ही आर.जी. कर अस्पताल विवाद और अन्य मुद्दों पर विपक्ष ने सत्तारूढ़ दल के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की हो।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर