जींद , 23 नवंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारी मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री जो कहते हैं वह करते हैं। उन्होंने कहा कि समाज को कांग्रेस से कोई उम्मीद नहीं थी तो उन्होंने मुख्यमंत्री के आश्वासन पर भाजपा का साथ दिया और सरकार बनने के तुरंत बाद कैबिनेट की पहली बैठक में पहले कलम से मुख्यमंत्री ने आरक्षण में वर्गीकरण को लागू करने का काम किया और उसका नोटिफिकेशन भी जारी करवाया। आज यह प्रदेश में पूरी तरह से लागू हो चुका है। डीएससी समाज पिछले 18 सालों से अपनी मांग को लेकर आंदोलनरत था। इस दौरान कांग्रेस ने डीएससी समाज को केवल लाठियां और जेल देने का काम किया लेकिन जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला करके डीएससी समाज को ऐसी सौगात दी है जिसका वर्णन शब्दों से नहीं किया जा सकता। उन्होंने दावा किया है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जींद में महर्षि वाल्मीकि जयंती समारोह में डीएससी समाज को बड़ी सौगात देने का काम करेंगे।
मंत्री बेदी शनिवार को यहां एकलव्य स्टेडियम में रविवार को होने वाली महर्षि वाल्मीकि जयंती समारोह एवं मुख्यमंत्री सम्मान समारोह की अंतिम तैयारियों का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ मुख्य रूप से भाजपा के जिला अध्यक्ष तेजेंद्र ढूल, पार्टी के प्रदेश सचिव जवाहर सैनी एवं पूर्व नगर पार्षद भारत भूषण टांक भी मौजूद थे। मंत्री ने कहा कि 1995 में हरियाणा में एससी वर्ग के आरक्षण में वर्गीकरण किया गया था। यह 11 साल चला इस दौरान 2006 में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने वर्गीकरण को गलत बताया तब पंजाब ने रातोंरात विधानसभा का सत्र बुलाकर वर्गीकरण का एक्ट बना दिया लेकिन हरियाणा की तत्कालीन सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया और उसने समाज को सुप्रीम कोर्ट का रास्ता दिखा दिया।
अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में वर्गीकरण को सही करार दिया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने केवल रोजगार में वर्गीकरण को गलत बताया था लेकिन कांग्रेस सरकार ने शिक्षा और रोजगार दोनों में वर्गीकरण को खत्म करने का काम किया। उन्होंने कहा कि समाज ने मुख्यमंत्री को एक मांग पत्र सौंपा है और मुख्यमंत्री किन मांगों को स्वीकार करते हैं यह मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है। मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री अब जो भी देंगे समाज को मंजूर होगा। क्योंकि उन्होंने समाज को जो दिया है वह बहुत है। राजनीति में भागीदारी को लेकर पूछे गए प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि बीसीए और बीसीबी की तर्ज पर लोकल बॉडी और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में ओएससी और डीएससी के वर्गीकरण की मांग समाज ने की है।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा