जोधपुर, 20 नवम्बर (Udaipur Kiran) । मण्डोर तहसील के सुरपुरा गांव के निवासी किशनाराम ने अपनी खातेदारी भूमि पर बुवाई में हो रही बाधा के खिलाफ न्याय की गुहार लगाई है। उनका आरोप है कि पुलिस में सहायक उप निरीक्षक पद पर कार्यरत जगदीश भील और उनके परिजन कानून को हाथ में लेकर उनकी भूमि पर बुवाई रोक रहे हैं और झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दे रहे हैं।
किशनाराम ने बताया कि उनकी खातेदारी भूमि खसरा नंबर 80 (13 बीघा 11 बिस्वा) में स्थित है, जो खसरा नंबर 78 (आबादी भूमि) से स्पष्ट रूप से अलग है। दोनों के बीच एक दीवार 60 वर्षों से बनी हुई है। इस मामले में गत 21 अप्रैल को मण्डोर पुलिस और भू-अभिलेख विभाग ने सीमांकन रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें यह स्पष्ट हुआ था कि विवादित भूमि खसरा नंबर 80 के भीतर ही है। इस मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने 8 नवंबर को आदेश दिया था कि किशनाराम और उनके परिवार को भूमि से बेदखल नहीं किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, सहायक कलेक्टर ने भी 24 जून को आदेश पारित करते हुए किशनाराम को उनकी भूमि पर कृषि कार्य करने की अनुमति दी थी। किशनाराम ने आरोप लगाया कि जगदीश भील और उनके परिजनों ने नहर की भूमि पर अवैध कब्जा करने के कारण जब शिकायत की गई, तब से उन्होंने रंजिश पाल ली है।
अब वे बुवाई में बाधा डालते हैं और झूठे अनुसूचित जाति-जनजाति मामलों में फंसाने की धमकी देते हैं।किशनाराम का कहना है कि यह बुवाई का समय है, लेकिन वे अपनी भूमि पर फसल नहीं उगा पा रहे हैं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने मीडिया और प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप कर न्याय दिलाने की अपील की है। थक-हारकर किशनाराम ने मीडिया से अपनी आवाज उठाने की गुहार लगाई है। उन्होंने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ से उम्मीद जताई है कि उनकी समस्या का समाधान होगा।
(Udaipur Kiran) / सतीश