CRIME

जोधपुर रेंज पुलिस : भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करने वाला 25 हजार का इनामी अपराधी गिरफ्तार

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जोधपुर, 19 नवम्बर (Udaipur Kiran) । जोधपुर संभाग की साइक्लोनर टीम ने भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा पेपर लीक करने वाले 25 हजार की इनामी अपराधी को गिरफ्तार किया है। वह भर्ती परीक्षाओं में कई अभ्यर्थियों को परीक्षा में बिठा चुका है, साथ ही पेपर लीक में उसका हाथ रहा है। आरोपित एसओजी के एईएन और वनरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले में वांटेड चल रहा था। अभियुक्त से पूछताछ चल रही है और कई चौकानें वाले खुलासे भी हो सकते है। दो अभियुक्तों को पकड़ा गया है जोकि दोनों मोसेरे भाई है।

रेंज महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि मामले में आरोपित विष्णु नगर लूणी निवासी दीपक विश्नोई पुत्र बाबूलाल और उसके सहयोगी मनोहर बिश्नोई पुत्र पुनाराम निवासी चंपा की ढाणी ग्राम डूंगरपुर रोहट जिला पाली को गिरफ्तार किया गया।

दीपक पर 25 हजार का इनाम घोषित :

आईजी विकास कुमार ने बताया कि दीपक एसओजी के एईएन और वनरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले में वांछित था और उस पर 25000 का इनाम भी घोषित किया गया था। पुलिस से बचने के लिए वह हर तीन दिन में रिश्तेदारों के यहां ठिकाने बदल कर रह रहा था। लेकिन एक ग्रामीण के पुलिस को चुनौती देने की बात पर दीपक पकड़ा गया।

डर के चलते रामड़ावास गांव आया और पकड़ा गया :

आईजी विकास कुमार ने बताया कि दरअसल दाे दिन पहले जोधपुर रेंज की पुलिस ने साल 2021 की रीट भर्ती परीक्षा घोटाले को लेकर इमरती बिश्नोई को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही आरोपित दीपक बिश्नोई को यह डर लगने लगा कि पुलिस उसे पकड़ लेगी इस पर वह जोधपुर के निकटवर्ती रामड़ावास गांव में आकर छिपकर रहने लगा। इधर पुलिस उसकी तलाश करने लगी इसी बीच एक ढाबे पर एक ग्रामीण चर्चा के दौरान यह कह रहा था कि रामड़ावास गांव में बड़ा शातिर इनामी आरोपित छिपा हुआ है जिसे पुलिस पकड़ नहीं सकती क्योंकि पुलिस में इतनी हिम्मत नहीं कि वह इस गांव में घुस सके। इसी इनपुट ने पुलिस को रामड़ावास गांव में आरोपित के छिपे होने की जानकारी दी और उसके बाद पूरी तरह से घेरा बंदी करते हुए अल सुबह दीपक बिश्नोई को गिरफ्तार कर लिया।

घर के छज्जे पर सो रहा था :

दीपक पुलिस से भयभीत था इसका अंदाजा इस कदर लगाया जा सकता है कि वह छत के निकट छज्जे पर सो रहा था। उसे लगा कि पुलिस कभी भी उसे पकड़ सकती है ऐसे में छज्जे से कूद कर वह खेतों के रास्ते फरार हो जाएगा लेकिन पुलिस पहले से पूरी तैयारी के साथ पहुंची और उसे पकड़ लिया गया।

बैंकों में लेन-देन पर मोसेरे भाई को पकड़ा :

इसके अलावा उसके लिए बैंकों में रुपयों का लेनदेन करने और उसके सहयोगी मौसेरे भाई मनोहर बिश्नोई को भी पाली जिले के रोहट के निकटवर्ती डूंगरपुर गांव से पकड़ा गया मनोहर अपनी बुआ के घर पर छिपा हुआ था।

दीपक बैठा था जेल प्रहरी की परीक्षा में :

रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि दीपक बिश्नोई साल 2014 में जगदीश जाणी से ब्लूटूथ में डेढ़ लाख रुपये देकर जेल प्रहरी की परीक्षा में बैठा था और यहां से पास होकर जेल प्रहरी के पद पर नौकरी कर रहा था। उसने 9 साल तक उदयपुर कोटडा और राजसमंद में नौकरी की जहां उसके मेवात गैंग से संपर्क हो गए। इसके बाद उसने मेवात गैंग के साथ मिलकर फर्जी डिग्रियां बांटने और भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करने का काम एजेंट के तौर पर शुरू कर दिया। इस दौरान उसने वनरक्षक, एईएन सीएचओ और पीटीआई परीक्षाओं में पेपर लीक भी किए।

कार नहीं होने से पत्नी के ताने सुनकर पीटीआई भी बन गया :

दीपक बिश्नोई की पत्नी उसे कार नहीं होने को लेकर ताने देती थी इसलिए उसने इसी गैंग के साथ मिलकर पीटीआई का पेपर लीक किया और खुद भी पीटीआई बन गया। साल 2020 में उसने पीटीआई का एग्जाम दिया और साल 2023 में उसकी पाली जिले के गुड़ा एंदला में पीटीआई के पद पर नियुक्ति हो गई। यहां पर नौकरी करने के दौरान उसने उदयपुर की गैंग के साथ मिलकर बीटेक, बीएससी और बीपीएड की फर्जी डिग्रियां भी बांटी थी। एक डिग्री के करीब 2.5 से 3 लाख लेता था जबकि भर्ती परीक्षाओं के पेपर के लिए 3 लाख रुपए अभ्यर्थियों से लेता था।

पहले गैंग के साथ फिर खुद तैयार करने लगा फर्जी डिग्रियां , एसओजी के रडार पर आया :

रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि सबसे पहले दीपक ने मेवात गैंग के साथ मिलकर भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करने और फर्जी डिग्रियां बांटने का काम एजेंट के तौर पर शुरू किया था लेकिन लालच बढऩे पर उसने खुद का काम शुरू करने की ठानी और अन्य ग्रहों के साथ संपर्क किया इसके बाद वह खुद ही फर्जी डिग्रियां तैयार कर देने लगा। इसके लिए उदयपुर के एक सरगना के साथ हाथ मिला लिया इसी बीच उसकी ओर से दी गई एक डिग्री वेरिफिकेशन के दौरान फर्जी साबित हो गई। इस पर एजेंट ने मेवात गैंग को सूचना दी और इस गैंग के जरिए पुलिस को यह इनपुट मिला कि मेवात गैंग के अलावा दीपक भी अपनी अलग गैंग बनाकर फर्जी डिग्री देता है इसके बाद वह एसओजी की रडार पर आ गया जिसके चलते पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। यह एसओजी की एईएन और वनरक्षक भर्ती परीक्षा में वांछित था।

आरोपित पुलिस से बचने के लिए मोबाइल को काम में नहीं लेते थे और हर दो से चार दिन में जगह बदल लेते थे। दीपक बिश्नोई के पिता अध्यापक है जो रिटायर हो चुके हैं

(Udaipur Kiran) / सतीश

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