शिमला, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में तैनात आरकेएस (रोगी कल्याण समिति) कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार इन कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए नीति बनाएगी।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा है कि चिकित्सा महाविद्यालयों एवं अस्पतालों में आरकेएस के तहत कार्यरत कर्मचारियों के नियमितिकरण एवं न्यूनतम वेतन के संबंध में नीति बनाने के लिए निरंतर मांग की जा रही है और इस दिशा में सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों में कार्यरत कर्मचारियों के नियमितिकरण और न्यूनतम वेतन के लिए भी नीति बनाई जाएगी।
डॉ. शांडिल मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से आयोजित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय टांडा और डॉ. यशवंत सिंह परमार चिकित्सा महाविद्यालय नाहन की रोगी कल्याण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अस्पतालों को स्वच्छ रखने पर भी जोर दिया ताकि मरीजों और तीमारदारों को अच्छा वातावरण मिल सके।
शांडिल ने केरल के सामुदायिक सेवा मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदेश में भी सामुदायिक सहयोग से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।
शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस दिशा में अहम कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य के दूर-दराज क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को दूर किया जा रहा है। साथ ही अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाई जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने जिला अस्पतालों में रिक्त चल रहे रेडियोग्राफर के पदों की सूची देने के निर्देश भी दिए, ताकि उन पदों पर शीघ्र नियुक्तियां की जा सकें।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा