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सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होकर मतदान करें- स्वामी हंसराम उदासीन

सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होकर मतदान करें-महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन 1

भीलवाड़ा, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । हरि शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर, भीलवाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने सनातन धर्म, देश और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए सनातनियों को एकजुट होकर मतदान करने का आह्वान किया है। उन्होंने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि हाल ही में मुस्लिम स्कॉलर सज्जाद नोमानी द्वारा भारतीय जनता पार्टी को वोट देने वालों का बहिष्कार करने और वोट जिहाद जैसे विचारों को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है, जो लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

महामंडलेश्वर ने कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से मतदान करने का अधिकार है, लेकिन जिस तरह से कुछ वर्गों द्वारा धार्मिक आधार पर वोट को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है, वह न केवल निंदनीय है बल्कि देश की एकता और अखंडता के लिए भी खतरा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह स्थिति सनातन धर्म और हिंदू समाज के लिए चिंता का विषय है।

महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने सभी सनातनियों और हिंदू समाज के लोगों से आग्रह किया कि वे आपसी भेदभाव भूलकर देश, धर्म और समाज की सुरक्षा के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में होने वाले आगामी चुनाव में सभी सनातनी भारतीय जनता पार्टी को वोट दें, ताकि राष्ट्र की प्रगति और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

महामंडलेश्वर ने सज्जाद नोमानी के बयान को लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म या समुदाय के आधार पर लोगों को वोट देने के लिए मजबूर करना, या इसके खिलाफ धमकी देना, संविधान और लोकतंत्र की मर्यादा का उल्लंघन है। ऐसे प्रयासों को हर स्तर पर रोकने की आवश्यकता है। महामंडलेश्वर ने कहा कि वर्तमान समय में सनातन धर्म और राष्ट्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सनातनी एकजुट होकर अपने अधिकारों और कर्तव्यों को निभाएंगे, तो समाज में सकारात्मक बदलाव आ सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सनातनियों का कर्तव्य है कि वे अपने वोट का सही उपयोग करें और उन शक्तियों का समर्थन करें जो धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

महामंडलेश्वर ने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए निष्पक्ष मतदान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि केवल धर्म, समाज और राष्ट्र की भलाई को ध्यान में रखते हुए वोट करना चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / मूलचंद

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