Chhattisgarh

(अपडेट) बलरामपुर : दहेजवार ट्रिपल मर्डर मामले ने पकड़ा तूल, पुलिसिया जांच से नाई समाज असंतुष्ट, सौंपा ज्ञापन

सर्व नाई सेन समाज ने सौंपा ज्ञापन

बलरामपुर, 18 नवंबर (Udaipur Kiran) । जिले के दहेजवार ट्रिपल मर्डर केस अब तूल पकड़ता जा रहा है। आज सोमवार को सर्व नाई समाज ने ट्रिपल मर्डर मामले में निष्पक्ष जांच, पीड़ित परिवार को मुआवजा, शासकीय नौकरी सहित विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है।

उल्‍लेखनीय है कि, जिले के कुसमी से बीते 27 सितंबर को महिला, उनकी बेटी और बेटे सहित तीन लोग अचानक लापता हो गए थे। 15 नवंबर को बलरामपुर के दहेजवार गांव में तीन नरकंकाल मिलने के बाद पता चला कि नरकंकाल कुसमी से गायब हुए तीन लोगों के हैं। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए झाड़-फूंक करने वाले मुख्तार अंसारी नाम के आरोपि‍त को गिरफ्तार किया। साथ ही पुलिस ने तीनों मर्डर की वजह प्रेम प्रसंग को बताया लेकिन इससे सर्व नाई सेन समाज के लोग संतुष्ट नहीं हैं।

सर्व नाई सेन समाज ने इन मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

सर्व सेन नाई समाज की तरफ से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि, कोई एक व्यक्ति अकेले एक साथ तीन लोगों की हत्याएं नहीं कर सकता और साक्ष्य छिपाने एवं शव को दफना नहीं सकता है। इससे स्पष्ट है कि घटना में अन्य अपराधी भी शामिल होंगे। इसकी गहन जांच और छानबीन कर अन्य अपराधियों को भी तत्काल गिरफ्तार किया जाए।

ज्ञापन में आगे लिखा है कि, मृतकों के परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी, परिवार की 15 वर्षीय बच्ची मधू ठाकुर की पढ़ाई का खर्चा शासन की तरफ से वहन किया जाए, एवं पुलिस अधिकारियों की लापरवाही की वजह से यह हत्याकांड हुआ है इसलिए उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया जाए।

सर्व सेन नाई समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष अविनाश ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, बीते 15 नवंबर को बलरामपुर में जो नरकंकाल मिले हैं वह हमारे सर्व नाई सेन समाज के सदस्य का था और प्रशासन से हम यहां मांग करने आए हैं।कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने आए हैं। एक अपराधी हत्या नहीं कर सकता और साक्ष्य छिपा नहीं सकता। इतनी बड़ी घटना को नरकंकाल कहते हुए एक अपराधी को पकड़कर वो कह रहे हैं कि प्रेम प्रसंग का मामला है।

सेन नाई समाज का कहना है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की जाती तो समाज आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा और इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

(Udaipur Kiran) / गायत्री प्रसाद धीवर

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