Uttrakhand

महंत ईश्वर दास ने संस्कृति और संस्कृत को बढ़ाने का कार्य कियाः विष्णु दास

श्रद्धा उत्सव समारोह के दौरान संत

-पुण्यतिथि पर संत समाज ने किया साकेतवासी महंत ईश्वर दास को नमन

हरिद्वार, 16 नवंबर (Udaipur Kiran) । श्रवणनाथ नगर स्थित श्री गुरु सेवक निवास उछाली आश्रम में साकेतवासी महंत ईश्वर दास महाराज की पुण्यतिथि पर गुरु श्रद्धा उत्सव समारोह पूर्वक मनाया गया। समारोह में सभी अखाड़ों के संतों ने सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में साकेतवासी महंत ईश्वर दस महाराज के योगदान का स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया और श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्वांजलि समारोह में आये संताें ने उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

आश्रम परमाध्यक्ष श्री महंत विष्णु दास के संयोजन में साकेतवासी महंत ईश्वर दास महाराज की पुण्यतिथि पर आयोजित गुरु श्रद्धा उत्सव को संबोधित करते हुए श्री चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद ने कहा कि साकेतवासी महंत ईश्वर दास महाराज संत समाज के प्रेरणास्रोत और दिव्य विभूति थे। उन्होंने कहा कि महंत विष्णु दास महाराज गुरुओं से प्राप्त ज्ञान और संत परंपराओं का अनुसरण करते हुए समाज का मार्गदर्शन करने के साथ धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में भी योगदान कर रहे हैं। जो सभी को लिए प्रेरणादायी है। आश्रम परमाध्यक्ष महंत विष्णु दास महाराज ने सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि साकेतवासी दादा गुरु ईश्वर दास महाराज विद्वान संत थे। धर्म शास्त्रों का उनका ज्ञान विलक्षण था। उन्होंने कहा कि गुरु परंपरा का पालन करते हुए और पूज्य गुरुओं से मिले ज्ञान और शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए आश्रम की सेवा परंपरा को आगे बढ़ाना ही उनका उद्देश्य है। उन्होने कहा कि साकेतवासी ईश्वरदास महाराज ने सनातन धर्म की नींव को और अधिक मजबूत करने का कार्य किया। उन्होने हमेशा भारतीय संस्कृति और संस्कृत को बढ़ाने का कार्य किया।

बाबा हठयोगी ने कहा कि उछाली आश्रम की गुरु परंपरा अनुपम है। महंत विष्णु दास महाराज सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें महान गुरुओं के सानिध्य में धर्म और अध्यात्म की शिक्षा दीक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला। गौ गंगा सेवा धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मलदास महाराज ने कहा कि साकेतवासी महंत ईश्वर दास महान संत थे।

इस अवसर पर कोठारी महंत राघवेंद्र दास, महंत जसविंदर सिंह, महंत गोविंद दास, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, महंत धर्मदास, महंत राजेंद्र दास, महंत दुर्गादास, स्वामी नित्यानंद, महंत प्रमोद दास, महंत प्रेमदास, महंत प्रह्लाद दास, महंत नारायण दास पटवारी, महंत बिहारी शरण, महंत सूरजदास, महंत शिवम महाराज, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, महंत हरिदास, सहित बड़ी संख्या में संत महंत और श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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