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इतिहास के पन्नों में 17 नवंबरः लाठीचार्ज से घायल वृद्ध स्वतंत्रता सेनानी की मौत पर क्रांतिकारियों ने खाई थी कसम

लाला लाजपत राय (फाइल फोटो)

मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में एक-एक कील का काम करेगी।- लाला लाजपत राय

17 नवंबर 1928 को निधन से पूर्व पंजाब केसरी के नाम से मशहूर भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय ने भारत में ब्रिटिश शासन के खात्मे की भविष्यवाणी कर दी थी जो आने वाले 19 वर्षों में सच साबित हुई। दरअसल, ब्रिटिश सरकार ने भारत में राजनीतिक सुधारों के बहाने साइमन कमीशन की नियुक्ति की लेकिन इस कमीशन में किसी भारतीय को जगह नहीं दी गई। भारतीय राष्ट्रवादी नेताओं ने इसका विरोध किया और साइमन कमीशन गो बैक के नारे लगे। 30 अक्टूबर 1928 को लाहौर में पंजाब के सबसे लोकप्रिय नेता लाला राजपत राय कमीशन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करते समय लाठीचार्ज में घायल हो गए और इसी घायल हालत में उन्होंने भारत से ब्रिटिश साम्राज्य के खात्मे की भविष्यवाणी की थी।

18 दिनों तक लाला जी जिंदगी और मौत से जूझते हुए आखिरकार दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी मौत से समूचे देश में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव व अन्य क्रांतिकारियों ने इसका बदला लेने का प्रण किया। इन क्रांतिकारियों ने एक महीने बाद अपनी प्रतिज्ञा पूरी की और 17 दिसम्बर 1928 को ब्रिटिश पुलिस अफसर सांडर्स को गोली से उड़ा दिया। लालाजी की मौत के बदले सांडर्स की हत्या के मामले में ही भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फाँसी की सजा सुनाई गई।

पंजाब के मोगा जिले में 28 जनवरी 1865 को पैदा हुए लाला लाजपत राय ने हरियाणा के रोहतक एवं हिसार में वकालत की। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता थे। बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल के साथ इस त्रिमूर्ति को लाल-बाल-पाल के नाम से जाना जाता था। इन तीनों नेताओं ने सबसे पहले भारत में पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की थी। लाला लाजपत राय ने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी। उन्होंने स्वामी दयानन्द सरस्वती के साथ मिलकर आर्य समाज को पंजाब में लोकप्रिय बनाया।

अन्य अहम घटनाएंः

1278- इंग्लैड में 680 यहूदियों को नकली मुद्रा रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और इनमें से 293 को फाँसी दे दी गई।

1525- भारत को जीतने के मकसद से बाबर ने सिंध के रास्ते पांचवीं बार प्रवेश किया।

1831- इक्वाडोर और वेनेजुएला ग्रेटर कोलंबिया से अलग हुए।

1869- इंग्लैंड के जेम्स मूरी ने 13 हजार किलोमीटर लंबी पहली साइकिल रेस जीती।

1932- तीसरे गोलमेज सम्मेलन की शुरुआत।

1933- अमेरिका ने सोवियत संघ को मान्यता देते हुए व्यापार के लिए सहमति दी।

1966- भारत की रीता फारिया ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीता। मिस वर्ल्ड बनने वाली वह पहली एशियाई महिला थी।

1970- सोवियत अंतरिक्ष यान ‘लुनाखोद-1’ चन्द्रतल पर उतरा।

1993- अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने उत्तरी अमेरिका मुक्त व्यापार समझौते (नाफ्टा) को मंजूरी दी।

1995- ओसाका में एशिया प्रशांत आर्थिक संघ (एपेक) का सातवां शिखर सम्मेलन शुरू।

1999- अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को यूनेस्को ने स्वीकृति दी।

2005- श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव सम्पन्न।

2006- अमेरिकी सीनेट ने भारत-अमेरिका परमाणु संधि को मंजूरी दी।

2007- जाफना प्रायद्वीप में श्रीलंकाई सेना से मुठभेड़ में 11 लिबरेशन टाइगर मारे गये।

2008- चन्द्रयान-1 की सफलता के बाद केन्द्र सरकार ने चन्द्रयान-2 की मंज़ूरी दी।

2009- टी.एस.ठाकुर को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

2012- मिस्र के मेनफॉल्ट क्षेत्र के समीप एक रेल दुर्घटना में कम से कम 50 स्कूली छात्र मारे गये।

2013- रूस के कजान हवाई अड्डे पर तातरस्तान एयरलाइंस के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से 50 लोगों की मौत।

जन्म

1952- सीरिल रामाफोसा- दक्षिण अफ़्रीका के पांचवें राष्ट्रपति हैं।

1940- कपिल कपूर- भारतीय भाषा विज्ञानी,साहित्य के विद्वान।

1900- पद्मजा नायडू – प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ सरोजिनी नायडू की पुत्री,जिन्होंने अपना सारा जीवन भारत के हितों के लिए समर्पित कर दिया था।

निधन

2020- मोहनजी प्रसाद- हिन्दी और भोजपुरी फ़िल्मों के निर्देशक थे।

2018- कुलदीप सिंह चाँदपुरी- भारतीय सेना के वीर सैन्य अधिकारी थे,जिन्हें लौंगावाला के प्रसिद्ध युद्ध के लिये जाना जाता है।

2016- श्रीनिवास कुमार सिन्हा- भारतीय सैन्य अधिकारी तथा असम, जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे।

2015- अशोक सिंघल-‘विश्व हिन्दू परिषद'(विहिप) के अध्यक्ष थे।

2012- बाल ठाकरे- भारतीय राजनेता और शिवसेना के संस्थापक।

2008- डार्विन दीनघदो पग- मेघालय के भूतपूर्व दूसरे मुख्यमंत्री थे।

2007- रघुनंदन स्वरूप पाठक- भारत के भूतपूर्व 18वें मुख्य न्यायाधीश थे।

1962- जसवंत सिंह रावत- भारतीय थल सेना के जांबाज सैनिकों में से एक थे।

1928- लाला लाजपत राय-भारतीय स्वतंत्रता सेनानी।

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(Udaipur Kiran) पाश

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