शिमला, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा है कि संस्कृति हमारी विरासत है और हमें अपनी विरासत का अनुसरण करना चाहिए, तभी हम समृद्ध हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि श्री रेणुका जी हिमाचल का सबसे सुंदर तीर्थ स्थल है। माता श्री रेणुका जी और भगवान परशुराम जी के मिलन की यह परम्परा और रेणुका झील लोगों के आकर्षण का केंद्र है तथा लोग इस सदियों पुरानी परंपरा का उत्साहपूर्वक पालन करते हैं।
राज्यपाल सिरमौर शुक्रवार को जिला के अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर लेडी गवर्नर एवं राज्य रेडक्रॉस अस्पताल कल्याण अनुभाग की अध्यक्ष जानकी शुक्ला भी उपस्थित थीं।
राज्यपाल ने कहा कि मेले और त्योहार वर्षों से हमारी संस्कृति का पोषण करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी समृद्ध संस्कृति को बचाए रखने की जिम्मेदारी युवा पीढ़ी की है। राज्यपाल ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि जिस प्रकार हमारा समाज समृद्धि की ओर बढ़ रहा है, हम अपने मूल्यों को भी अक्षुण्ण बनाए रखें।
शुक्ल ने कहा कि श्री रेणुका जी मेला भगवान परशुराम का उनकी माता श्री रेणुका जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है तथा यह भारतीय समाज के समृद्ध मूल्यों का संवर्द्धन करता है। उन्होंने कहा कि मेले और त्योहार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं तथा इन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने मेले के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी तथा कहा कि श्री रेणुका जी का अपना धार्मिक महत्व है। इस पवित्र स्थान पर पूजा-अर्चना के लिए पूरे भारत से लोग यहां आते हैं।
उन्होंने भगवान परशुराम जी और माता श्री रेणुका जी मंदिर में पूजा-अर्चना की और देव-विदाई शोभा यात्रा में भी भाग लिया।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा