धमतरी, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । तीन सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे सहकारी कर्मचारियों के वेतन व भत्ते में सरकार ने 25 प्रतिशत राशि की बढ़ोत्तरी करने आदेश जारी कर दिया है। वहीं प्रबंधकीय के अनुदान राशि के लिए अंतर विभागीय कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा सूखत की मांग पर 28 फरवरी तक धान उठाव करने तथा इसके बाद आने वाले सूखत के लिए वित्त विभाग से राशि मांग करने का आश्वासन सहकारी कर्मचारियों को दिया है, इसके बाद ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे सहकारी कर्मचारियों ने आंदोलन खत्म कर जश्न मनाया है। हड़ताल खत्म होने से अब 14 नवंबर से सुचारू रूप से खरीदी होंगे।
सहकारी कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से 14 नवंबर से होने वाली धान खरीदी प्रभावित होने की आशंका थी। जिला प्रशासन की भी वैकल्पिक तैयारियां नहीं थी, ऐसे में एक दिन बाद होने वाली समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू करना शासन-प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ रायपुर के पदाधिकारी नरेद्र कुमार साहू ने बताया कि 12 नवंबर को सरकार ने देवउठनी एकादशी पर्व के दिन सहकारी कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए उनके वेतन व भत्ता में 25 प्रतिशत राशि बढ़ोत्तरी करने की घोषणा की है, इससे सहकारी कर्मचारियों के वेतन में पांच से छह हजार रुपये की बढ़ोत्तरी होंगे। वहीं प्रबंधकीय के अनुदान राशि व सूखत को लेकर आश्वासन दिया है। इसके बाद सहकारी कर्मचारियों ने आंदोलन समाप्त कर दिया है। सहकारी कर्मचारियों के वेतन बढ़ने लिखित आदेश मिलने के बाद आंदोलन स्थल शहर के गांधी चौक पर कर्मचारियों ने गुलाल लगाकर जश्न मनाया।जिले के 100 खरीदी केन्द्रों में एक लाख 27 हजार 596 किसानों का पंजीयन समर्थन मूल्य पर धान खरीद के लिए हुआ है। सभी केन्द्रों में सहकारी कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से तैयारियां अधूरी थी, लेकिन अब उनके आंदोलन खत्म होने के बाद 13 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए सोसायटियों के बंद ताला खुलेंगे और देर रात तक खरीद की तैयारी पूरी कर लेंगे। साथ ही 14 नवंबर की सुबह नौ बजे से केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीद की शुरुआत हो जाएंगे। जिले के एक लाख 27 हजार 596 पंजीकृत किसानों से एक लाख 27 हजार 595.06 हेक्टेयर रकबा का अनुमानित 67 लाख 43120 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी। इसके लिए जिले में 100 धान उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें धमतरी विकासखंड में 26, कुरूद में 33, मगरलोड में 18 और नगरी विकासखंड में 23 धान उपार्जन केन्द्र शामिल हैं। इसके अलावा जिले में चार संग्रहण केन्द्रों की व्यवस्था की गई हैं, इनमें चिटौद, भाठागांव (कुरूद), भोयना और जंवरगांव शामिल है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा