कोलकाता, 07 नवंबर (Udaipur Kiran) । कोलकाता की ऐतिहासिक आदि गंगा, जिसे गोविंदपुर क्रीक और टॉलीज कैनाल के नाम से भी जाना जाता है। इसकी पुनर्स्थापना का कार्य जनवरी से शुरू होने जा रहा है। यह परियोजना राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत नमामि गंगे कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य गंगा नदी में प्रदूषण कम करना और इसे पुनर्जीवित करना है।
एक अधिकारी के अनुसार, इस परियोजना के लिए कुल 753 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें 15.5 किलोमीटर क्षेत्र में ड्रेजिंग का कार्य शामिल है। इसके अतिरिक्त, इस कैनाल पर बने पुलों की मरम्मत और 31 किलोमीटर की दोनों किनारों पर स्टील की जाली लगाई जाएगी ताकि गंदगी न फेंकी जा सके।
इस परियोजना के अन्य पहलुओं में तीन नए सीवरेज वाटर प्यूरीफिकेशन यूनिट, 23 नए पम्पिंग स्टेशन, 74 पेनस्टॉक गेट्स और एक नया लॉक गेट शामिल हैं। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि इस कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जनवरी से कार्य शुरू होने की उम्मीद है। परियोजना को पूरा होने में लगभग तीन साल लग सकते हैं।
अधिकारी के अनुसार, इस परियोजना के पूरा होने से आदि गंगा के आसपास रहने वाले लोग जल-जमाव और जलजनित बीमारियों की समस्या से राहत पा सकेंगे। साथ ही, पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा क्योंकि तीन नए जल शुद्धिकरण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
राज्य सरकार ने लोगों को आदि गंगा की पुनर्स्थापना के महत्व को समझाने के लिए जागरूकता अभियान भी शुरू कर दिया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने नहर के दोनों किनारों की सुंदरता बढ़ाने की भी योजना बनाई है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर