नई दिल्ली, 04 नवंबर (Udaipur Kiran) । सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कम्पनियों नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) और तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) ने संयुक्त उद्यम कंपनी बनाने के लिए हाथ मिलाया है।
विद्युत मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि दोनों कंपनियां अपनी संबंधित सहायक कंपनियों के माध्यम से एक संयुक्त उद्यम (संयुक्त उद्यम) बनाएंगी। मंत्रालय के मुताबिक महारत्न पीएसयू एनटीपीसी और ओएनजीसी ने नवीकरणीय और नवीन ऊर्जा क्षेत्र में अपनी रुचि को और बढ़ावा देने के लिए अपनी हरित ऊर्जा सहायक कंपनियों (एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और ओएनजीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड) के जरिए एक संयुक्त उद्यम कंपनी (जेवीसी) बनाने के लिए सहयोग किया है।
मंत्रालय ने बताया कि 07 फरवरी को भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 के दौरान संयुक्त उद्यम समझौते पर हस्ताक्षर करने और दीपम और नीति आयोग से आवश्यक वैधानिक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद एनजीईएल ने ओजीएल के साथ 50:50 संयुक्त उद्यम कंपनी के निगमन के लिए कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय को एक आवेदन भी प्रस्तुत किया है। यह संयुक्त उद्यम विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा (एनआरई) और नई ऊर्जा के अवसरों में प्रवेश करेगा, जिसमें सौर, पवन, ऊर्जा भंडारण, ई-मोबिलिटी, कार्बन क्रेडिट और ग्रीन क्रेडिट शामिल हैं। इसके अलावा ये नवीकरणीय ऊर्जा संपत्तियों के अधिग्रहण के अवसरों की तलाश करेगा और तमिलनाडु और गुजरात में आने वाली ऑफशोर पवन टेंडरों में भागीदारी पर विचार करेगा।
उल्लेखनीय है कि एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी पॉवर यूटिलिटी कंपनी है जिसकी कुल स्थापित क्षमता 76475.68 मेगावाट (संयुक्त उद्यम सहित) है। 1975 में स्थापित एनटीपीसी देश की एकीकृत बिजली कंपनी बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है, जिसका लक्ष्य 2032 तक 130 गीगावाट की कंपनी बनना है। वहीं महारत्न का दर्जा प्राप्त ओएनजीसी देश की सबसे बड़ी कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस कंपनी है, जो भारतीय घरेलू उत्पादन में लगभग 71 फीसदी का योगदान देती है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर