झुंझुनू, 31 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान के झुंझुनू जिले में मुकुंदगढ़ थाना क्षेत्र के कसेरू गांव में बुधवार रात सेना से रिटायर्ड सूबेदार ने पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली। आत्मदाह से पहले उसने घर और कार को भी आग लगा दी। मृतक के घर में दो पोतियों की शादी की तैयारियां चल रही थी।
मुकुंदगढ़ थानाधिकारी अभिलाषा ने बताया कि रिटायर्ड सूबेदार सुखदेवाराम (75) घर में अकेला रहता था। बुधवार रात को अचानक पहले घर के अंदर, कार और खुद पेट्रोल डाला। इसके बाद घर और कार को आग के हवाले करने के बाद खुद के आग लगा ली। आस-पास के लोगों ने कार को जलते हुए देखा तो अफरा-तफरी मच गई। लोगों की सूचना पर हेड कॉन्स्टेबल मुकेश कुमार मौके पर पहुंचे। फायर बिग्रेड मौके पर बुलाई गई। आग बुझाकर अंदर गए तो रिटायर्ड सूबेदार पड़ा था। गंभीर हालत में मुकुंदगढ़ अस्पताल ले गए। जहां से देर रात हायर सेंटररेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही दम तोड़ दिया। आग से मकान में रखा सामान जल गया। वहीं दीवार और छत का प्लास्टर भी गिर गया। आसपास के लोगों ने सिलेंडर को विस्फोट होने से बचा लिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दमकल के पहुंचने से पहले एक रसोई गैस सिलेंडर को बाहर निकाल दिया था। ऐसे में बड़ा हादसा टल गया। अगर सिलेंडर फट जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। सूचना पर पहुंची दमकल ने आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक कार जलकर कबाड़ हो गई। थानाधिकारी अभिलाषा ने बताया कि रिटायर्ड सूबेदार माइग्रेन और साइको के मरीज था। परिवार से अलग रहता था। फिलहाल मामले में कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। उसके दो बेटे सुरेंद्र और सुरेश हैं। दोनों बेटे परिवार के साथ बेंगलुरु रहते हैं।
उसके बड़े भाई सांवलराम ने बताया कि सुखदेवाराम साल 1990 में सेना से रिटायर हुए थे। उसकी पत्नी का साल 1985 में निधन हो गया था। जिसके बाद से वह मानसिक रूप से परेशान थे। पहले 15 साल अकेले जयपुर में रहे और पिछले दो-तीन साल से अकेले मकान में रह रहे थे। परिवार के किसी सदस्य से सही से बात नहीं करते थे और हमेशा झगड़ा करने को तैयार रहते थे, इसलिए उनके बेटे-बेटी और परिवार के अन्य लोग उनसे बात नहीं करते थे। मानसिक बीमारी के कारण साल 1996 में उन्होंने अपनी गाड़ी में भी आग लगा दी थी। उनके बेटे सुरेंद्र की दो बेटियों की शादी 27 नवंबर को हैं जिसके लिए सुरेंद्र और परिवार के लोग तैयारियों में लगे हुए हैं और इसी कारण सुरेंद्र बेंगलुरु से आया हुआ है।
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(Udaipur Kiran) / रमेश