(अपडेट)
पटना ,30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कर-कमलों द्वारा सड़क सुरक्षा एवं निर्बाध यातायात व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए 38 राजमार्ग गश्ती वाहनों का लोकार्पण किया गया।बिहार सड़क दुर्घटनाओं में हुई मृत्यु की सर्वाधिक 44 प्रतिशत घटनाएं राष्ट्रीय राज मागों पर देखी गयी है। इसका मुख्य कारण अप्रभावी प्रवर्तन एवं आपातकालीन प्रतिक्रिया रहा है। सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मृत्यु को नियंत्रित करने के लिए राजमार्ग गश्ती योजना के तहत कुल 1560 मानव-बल की स्वीकृति दी गई है।
प्रथम चरण में कुल 23 राजमार्ग गश्ती वाहन (विविध उपकरणों सहित) राज्य के सर्वाधिक दुर्घटना प्रवण चार राष्ट्रीय राजमार्गों यथा 28, 30, 31 एवं 57 के कुल 1125 किलोमीटर की लम्बाई को आच्छादित करने के लिए प्रतिनियुक्त किया जा चुका है।
इसी कड़ी में द्वितीय चरण में कुल 38 अतिरिक्त वाहनों का क्रय कर इसे राज्य अन्तर्गत अन्य 15 राजमार्गों यथा 139 (पटना औरंगाबाद), 80 (पटना भागलपुर), 77 (पटना- सीतामढ़ी), 333 (वरियापुर-जमुई), 83 (पटना-गया), 19 (सारण-वैशाली), 333A (शेखपुरा-बाका), 99, 101 (सारण-सिवान), 103 (वैशाली समस्तीपुर), 527 (नधुबनी जोगबनी), 20, 28A, 288, 30A कुल 1790 किलोमीटर पर (प्रत्येक 50 किलोमीटर पर) प्रतिनियुक्त किया जा रहा है। इस प्रकार अब बिहार राज्य में राजमार्ग गश्ती के लिए 23+38 कुल 61 वाहन प्रतिनियुक्त किये जा चुके हैं।
इन राष्ट्रीय राजमार्ग गश्ती वाहनों को इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम डायल 112 से सम्बद्ध किया गया है। ताकि आपातकालीन परिस्थिति में इन वाहनों को घटना स्थल पर अविलंब भेजा जा सके। साथ ही प्रभावी प्रवर्तन हेतु इस पर लगे उपकरणों के माध्यम से वाहन अथवा नियंत्रण कक्ष से केन्द्रीकृत शमन की कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी