जयपुर, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने 11 साल पहले रोडवेज बस कंडक्टर का टिकट बैग चोरी होने पर उससे 92 हजार रुपये की वसूली करने के आदेश को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने रोडवेज एमडी और हिंडौन डिपो के मुख्य प्रबंधक को कहा है कि वह टिकट बैग के प्रिंटिंग पर हुई राशि की वसूली कर सकते हैं। जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश विनय कुमार की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि साल 2013 में हिंडौन डिपो में ड्यूटी के दौरान याचिकाकर्ता का टिकट बैग रास्ते में किसी ने चुरा लिया था। याचिकाकर्ता ने इसकी रिपोर्ट भी संबंधित पुलिस थाने में दर्ज करा दी थी। वहीं रोडवेज प्रबंधन ने टिकट बैग चोरी होने को नुकसान मानकर याचिकाकर्ता से 92 हजार रुपये की वसूली के आदेश जारी कर दिए और इस राशि को किस्तों में वसूलने की व्यवस्था कर दी। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया कि टिकट बैग चोरी में उसका कोई दोष नहीं है। जो टिकट चोरी हुए हैं, उनका उसने कोई दुरुपयोग नहीं किया है। बैग चोरी होते ही उसने तुरंत एफआईआर दर्ज करा दी थी व प्रबंधन को सूचित कर दिया था। इसके अलावा रोडवेज ने उसे वसूली आदेश से पहले कोई नोटिस व सुनवाई का मौका नहीं दिया है। ऐसे में वसूली आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है। ऐसे ही समान एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने कहा था कि टिकट बैग चोरी होने पर कर्मचारी से वसूली नहीं हो सकती, बल्कि केवल टिकट की प्रिंटिंग पर हुए खर्च की राशि ही ली जा सकती है। याचिकाकर्ता का प्रकरण की इसके समान ही है। ऐसे में उससे की जा रही वसूली को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने वसूली आदेश को रद्द कर दिया है।
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(Udaipur Kiran)