जौनपुर, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अपर सत्र न्यायाधीश अपर्णा देव ने मछलीशहर के रामनगर में 20 वर्ष पूर्व वादी के पिता की गैर इरादतन हत्या करने के दोषी मां, बेटा समेत तीन आरोपियों को शुक्रवार को 7 वर्ष कारावास व प्रत्येक को 42,000 जुर्माने की सजा सुनाया। अर्थदंड की आधी धनराशि मृतक के विधिक वारिसों को देने का आदेश हुआ।
वादी के अनुसार घटना की प्राथमिकी ज्ञानचंद ने दर्ज कराया था कि 7 जून 2004 को सुबह 8 बजे ओमप्रकाश वादी के आबादी की जमीन पर छप्पर रखने लगा। वादी व उसके पिता मोहनलाल मना करने लगे। जिस पर आरोपी मंगरु, ओमप्रकाश, उसकी मां प्रेमा देवी व अन्य आरोपी गंदी गंदी गाली देने लगे। मोहनलाल ने गाली देने से मना किया तब मंगरु के ललकारने पर अन्य आरोपी मोहनलाल को पकड़ लिए। ओमप्रकाश लाठी से, उसकी मां प्रेमा फावड़े के बेट से मारने लगे जिससे मोहनलाल बेहोश हो गए। घटना को तमाम लोगों ने देखा व बीच बचाव किया। आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए चले गए। पिता का इलाज बीएचयू वाराणसी में 24 जून 2004 तक चला। 25 जून को वापस घर लाया गया। 26 जून को चोटों के कारण पिता की मृत्यु हो गई।
पुलिस ने विवेचना करके कोर्ट में केस डायरी दाखिल की। सरकारी वकील सतीश कुमार रघुवंशी ने कोर्ट में गवाहों का बयान अंकित कराया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मंगरु, ओमप्रकाश व प्रेमा देवी को दोषी पाते हुए सात वर्ष की सजा सुनाई।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव