देहरादून, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच वन, सिंचाई, ऊर्जा और सहकारिता विभाग से संबंधित परिसम्पत्तियों के संबंध में शुक्रवार को मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अधिकारियों के साथ चर्चा की। दोनों राज्यों के बीच वन और सिंचाई के कुछ मामलें अभी लंबित हैं, जिस पर मंत्री ने विभागीय सचिव स्तर पर आगामी 10 दिन के भीतर बैठक कर मामलों का निस्तारण करने को कहा है।
शुक्रवार को विधानसभा स्थित सभागार कक्ष में पुनर्गठन मंत्री डॉ. प्रेम चन्द अग्रवाल ने पुनर्गठन विभाग और संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दाैरान मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश से विभाजित होने के पश्चात से ही उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच परिसम्पत्तियों के बंटवारे को लेकर बातचीत और बैठकें समय-समय पर आयोजित की जाती रही हैं। आज भी मुख्यतः वन, सिंचाई, ऊर्जा और सहकारिता विभाग से संबंधित परिसम्पत्तियों के संबंध में चर्चा की गई।
इस दौरान मंत्री ने वन और सिंचाई के कुछ मामलों में बातचीत अभी लंबित मामले पर कहा कि जरूरत पड़ने पर दोनों राज्यों के मुख्य सचिव स्तर पर बैठक कर शीघ्र निस्तारण कर लिया जाए। पुनर्गठन मंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की ओर से उत्तराखण्ड को लगभग 10 करोड़ 44 लाख की धनराशि देय है, जबकि उत्तराखंड की ओर से उत्तर प्रदेश को लगभग तीन करोड़ 33 लाख की धनराशि देय है। जिसके लिए दोनों राज्य में सहमति बनी है। मंत्री ने कहा कि ऊर्जा से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि कृषि के अंतर्गत लगभग एक करोड़ 13 लाख की धनराशि उत्तर प्रदेश की ओर से उत्तराखंड को देने पर उत्तर प्रदेश की ओर से सहमति दी गई है।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार