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राजाजी टाइगर रिजर्व में स्निफर डॉग रानी की मौत, पांच दिन से लापता है रोजी

रानी को श्रद्धांजलि देते राजा जी पार्क कमी

हरिद्वार, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । वन्यजीव संरक्षण व संवर्धन के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व की ख्याति पिछली कुछ घटनाओं से धूमिल हो रही है। हाल ही में राजाजी पार्क की चीला रेंज से नई नवेली स्निफर डॉग रोजी गायब हो गई। इसी बीच एक अन्य स्निफर डॉग रानी की मौत हो गई। जिसके रिप्लेसमेंट के लिए रोजी को लाया गया था। इसके अलावा दो बाघिन भी बीते काफी समय से लापता चल रही हैं।

दरअसल, गत 18 अक्टूबर से स्निफर डॉग रोजी लापता है। स्निफर डॉग रोजी पार्क की चीला रेंज के कार्यालय परिसर में पूरी सुरक्षा के बीच रहती थी। रोजी की तलाश में वनकर्मी जुटे हुए हैं, लेकिन पांच दिन बाद भी उसका कुछ पता नहीं चल पाया है। इस बीच एक और दुखद खबर आई है। जिस स्निफर डॉग के रिप्लेसमेंट के तौर पर यहां लाई गई थी, उस रानी की भी सोमवार की देर रात मौत हो गई। राजाजी पार्क की शान रही रानी ट्यूमर से ग्रस्त थी। जब उसे ट्यूमर की परेशानी हुई तो उसे दरकिनार कर दिया गया। मीडिया में खबरें आने के बाद उसका इलाज शुरू हुआ मगर अफसोस वह भी अनंत यात्रा पर निकल गई। रानी की तो स्वाभाविक मौत गई, मगर सवाल उठता है कि रोजी है कहां ? रोजी के गायब होने के बाद वनकर्मी भी सकते में हैं। आखिर ट्रेनिंग में लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी रोजी की हिफाजत क्यों नहीं हो सकी। आखिर ऐसा क्या हुआ कि वह गेट से निकल गई और किसी ने उसे देखा तक नहीं।

रोजी के लापता होने की घटना के बीच टाइगर ट्रांसलोकेशन के तहत राजाजी प्रसाशन एक नए बाघ को लाने की तैयारी में जुटा हुआ है। जबकि कुछ वर्ष पूर्व पार्क की मोतीचूर रेंज से दो बाघिन टी-1 व टी-2 कहां गई, यह अब तक पहेली है। टाइगर ट्रांसलोकेशन योजना के तहत लाखों रुपये खर्च कर जगह-जगह कैमरे लगाए गए हैं तथा अधिकारियों द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जाती है। इसके बावजूद लापता बाघिन टी-1 व टी-2 का कुछ पता नहीं है। स्निफर डॉग रोजी के लापता होने का किस्सा तो मात्र पांच दिन पुराना है।

इस संबंध में राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक कोको रोजे का कहना है कि काफी तलाश के बावजूद रोजी का कुछ पता नहीं चला है। उसकी खोज लगातार जारी है। रोजी के गायब होने की एफआईआर दर्ज करा दी गई है। पुलिस विभाग के स्निफर डॉग की मदद भी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि गुलदार द्वारा शिकार बनाए जाने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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