Assam

राज्यपाल ने पुलिस स्मृति दिवस पर दीं श्रद्धांजलि

गुवाहाटी: असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य की मौजूदगी में आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर काहिलीपारा स्थित 4थी असम पुलिस बटालियन में आयोजित एक समारोह का दृश्य।
गुवाहाटी: असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य की मौजूदगी में आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर काहिलीपारा स्थित 4थी असम पुलिस बटालियन में आयोजित एक समारोह का दृश्य।
गुवाहाटी: असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य की मौजूदगी में आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर काहिलीपारा स्थित 4थी असम पुलिस बटालियन में आयोजित एक समारोह का दृश्य।

– राष्ट्र की रक्षा करना सर्वोच्च कर्तव्य है: राज्यपाल

गुवाहाटी, 21 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर काहिलीपारा स्थित 4थी असम पुलिस बटालियन में आयोजित एक समारोह में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी।

उल्लेखनीय है कि पुलिस कर्मियों द्वारा राष्ट्र की रक्षा के लिए दिखाए गए साहस और बलिदान का सम्मान करने के लिए पुलिस स्मृति दिवस मनाता है।

इस अवसर पर बोलते हुए राज्यपाल आचार्य ने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस एक ऐसा अवसर है जो हमें अपने पुलिस कर्मियों की वीरता और सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करने का अवसर देता है, जिन्होंने अपनी जान की कीमत पर हमें और हमारी मातृभूमि की रक्षा की। इस अवसर पर राज्यपाल ने अपने कर्तव्यों के विभिन्न अभियानों में अपने प्राणों की आहुति देने वाले समर्पित और साहसी पुलिस कर्मियों को याद किया। उन्होंने कहा कि मातृभूमि की खातिर अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिस कर्मियों का समर्पण और उनकी अटूट प्रतिबद्धता हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों द्वारा दिया गया बलिदान समाज के प्रत्येक सदस्य को सीख लेने और राष्ट्र के लिए सकारात्मक योगदान देने के लिए एक मार्मिक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है।

राज्यपाल ने प्रत्येक व्यक्ति में देशभक्ति, समर्पण और कर्तव्यपरायणता की भावना पैदा करने के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ये गुण व्यक्तिगत उत्पादकता प्राप्त करने और राष्ट्र को सफलता की नई ऊंचाइयों को छूने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र की सेवा सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है, इसकी रक्षा और संरक्षण सेवा का सर्वोच्च रूप होना चाहिए जो कोई अपने जीवनकाल में समर्पित कर सकता है। इस अवसर पर कार्यक्रम को मुख्य सचिव डॉ. रवि कोटा और डीजीपी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने भी संबोधित किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर वर्दीधारी जवानों के साथ बातचीत में भी समय बिताया।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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