—विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक,संतों ने भी की भागीदारी, सनातन की अखंड ज्योति प्रज्वलित करने का संकल्प
वाराणसी,20 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । भानु पीठाधीश्वर जगदगुरु, शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि संस्कार ही हमारी संस्कृति की आधारशिला हैं, जो जीवन के हर पहलू में सनातन धर्म की रक्षा और उसे समृद्ध करने का कार्य करते हैं। स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ रविवार को सिगरा स्थित कैवल्य ज्ञान आश्रम में आयोजित दो दिवसीय विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।
बैठक में विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संत समाज के समक्ष मार्गदर्शन का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि संस्कारों से ही सनातन धर्म की रक्षा संभव है । उन्होंने समाज में अनुसूचित जाति और जनजातियों के बीच हो रहे धर्मांतरण पर चिंता जताई । कहा कि सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए धर्म का प्रसार आवश्यक है।
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा कि भारतीय जीवन मूल्यों की पुनर्स्थापना और सामाजिक परंपराओं का निर्वाह संस्कारों के माध्यम से ही किया जा सकता है। धार्मिक स्वतंत्रता और हिंदू धर्म की अस्मिता की रक्षा भी संस्कारों द्वारा ही संभव है। सनातन किसी प्रकार की स्पर्धा की आवश्यकता नहीं होती, और यह बात हमारे संस्कार ही हमें सिखाते हैं।
बैठक में झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से आए डेढ़ सौ से अधिक प्रमुख संतों ने धर्मांतरण पर चिंता जताई। धर्मांतरण को रोकने, सामाजिक समरसता के प्रसार और हिंदू समाज के एकत्रीकरण पर विस्तार से विचार विमर्श किया।
बैठक में महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद,काशी सुमेरूपीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य नरेन्द्रानंद सरस्वती, श्यामसुंदर दास,सतुआ बाबा संतोष दास,रामानुजाचार्य हसानंद, पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास ने भी विचार रखा। बैठक में धर्म का प्रसार, सामाजिक समरसता और सनातन संस्कृति की रक्षा जैसे प्रमुख लक्ष्यों को हासिल करने पर जोर दिया गया।
बैठक के दूसरे दिन सोमवार को चर्चा का मुख्य विषय हिंदू समाज में बढ़ते धर्मांतरण को रोकने के उपाय, अनुसूचित जाति और जनजाति के बीच सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के मंत्रों पर केंद्रित रहेगा। इसके अलावा, हिंदू समाज को उसकी सांस्कृतिक जड़ों से पुनः जोड़ने के प्रयासों पर भी विचार होगा।
बैठक में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संरक्षक दिनेश , केंद्रीय मंत्री हरिशंकर , क्षेत्र संगठन मंत्री गजेंद्र , प्रांत संगठन मंत्री नितिन , क्षेत्र धर्माचार्य संपर्क प्रमुख जितेंद्र आदि की उपस्थिति रही। संचालन अखिल भारतीय संत संपर्क प्रमुख एवं विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक तिवारी ने किया।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी