काठमांडू, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नेपाल की आंतरिक राजनीति में खुल कर हस्तक्षेप करने वाले चीन की कम्यूनिष्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के प्रतिनिधिमंडल एक बार फिर नेपाल के वामपंथी दलों के बीच एकता कराने के लिए सक्रिय हो गए हैं। हर महीने कोई न कोई चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेपाल दौरा हो रहा है और उनकी मुलाकात नेपाल के विभिन्न वामपंथी दलों के साथ हो रहा है, जिसमें बातचीत का एकमात्र एजेंडा नेपाल के सभी वामपंथियों को एक ही दल में लाना है।
काठमांडू में आज ही सीपीसी का एक प्रतिनिधिमंडल आया हुआ है, जो नेपाल के वामपंथी दल के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने में व्यस्त है। शनिवार को सीपीसी के केंद्रीय सदस्य और छिनहंग प्रोविंस के सेक्रेटरी छेन कांग के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया है। इस चीनी प्रतिनिधिमंडल ने आज ही पूर्व प्रधानमंत्री तथा माओवादी अध्यक्ष पुष्प कमल दहाल प्रचण्ड से मुलाकात की है जबकि कल यानि रविवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात का समय तय है। आज रात की डिनर पार्टी में अन्य वामपंथी नेताओं से भी मुलाकात हो रही है।
प्रचंड से मुलाकात के दौरान चीनी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि बीजिंग नेपाल की वामपंथी एकता के पक्ष में है और यही संदेश देने के लिए वो काठमांडू का भ्रमण कर रहे हैं। इस मुलाकात के दौरान माओवादी पार्टी के शीर्ष नेताओं की भी उपस्थिति थी। इस बैठक में उपस्थित माओवादी पार्टी के उपाध्यक्ष नारायण काजी श्रेष्ठ ने बताया कि सीपीसी की इच्छा और उनका सद्भाव नेपाल के वामपंथियों के बीच एकता है। सीपीसी के प्रतिनिधिमंडल ने सभी कम्यूनिष्ट दलों के बीच एकता की बात को प्रथमिकता में रख कर जल्द से जल्द इसको अंजाम तक पहुंचाने की है।
श्रेष्ठ ने बताया कि प्रचंड ने सीपीसी नेताओं को बताया कि वो हमेशा से ही वामपंथी एकता के पक्ष में हैं और लगातार इसके लिए प्रयास कर रहे हैं । प्रचंड ने चीनी प्रतिनिधिमंडल को यह भी बताया कि जल्द ही माओवादी पार्टी से अलग हुए सभी गुटों के साथ उनकी एकता होने वाली है। इसी तरह दूसरे चरण में अन्य वामपंथी दलों के साथ एकता की बातचीत चल रही है, जो अंतिम चरण में है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास