जम्मू, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय ने आधिकारिक तौर पर अपनी सतत परिसर विकास और प्रदर्शन प्रबंधन (एससीडीपीएम) 4.0 पहल के कार्यान्वयन चरण में प्रवेश कर लिया है। शिक्षा मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अनिवार्य यह चरण 2 अक्टूबर को शुरू हुआ और 31 अक्टूबर, 2024 तक जारी रहेगा।
अगस्त में शुरू हुई एक व्यापक तैयारी अवधि के बाद विश्वविद्यालय ने वर्मीकंपोस्टिंग और वर्मीवॉश सिस्टम स्थापित करके टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन की नींव सफलतापूर्वक रखी है। 17 अक्टूबर तक विश्वविद्यालय ने लगभग 32 किलोग्राम वर्मीकंपोस्ट का उत्पादन किया था, जिसे इसकी पर्यावरण-अनुकूल रणनीति के तहत 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जा रहा है।
कार्यान्वयन चरण का नेतृत्व नोडल अधिकारी प्रो. ऋचा कोठारी द्वारा किया जा रहा है, जिसका समन्वय लेफ्टिनेंट डॉ. पंकज मेहता, डॉ. दिनेश कुमार और डॉ. अंकित टंडन द्वारा किया जा रहा है। पहल के इस महत्वपूर्ण चरण के सफल निष्पादन को सुनिश्चित करने में उनका नेतृत्व महत्वपूर्ण है। जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव जैन ने टीम की समर्पण भावना की सराहना करते हुए कहा यह पहल न केवल हमारे परिसर की स्थिरता को बढ़ाती है, बल्कि अन्य संस्थानों के लिए अनुसरण करने के लिए एक मानक भी स्थापित करती है।
विश्वविद्यालय आशावादी है कि एससीडीपीएम 4.0 कार्यान्वयन इसके दीर्घकालिक स्थिरता लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देगा और एक हरित परिसर वातावरण को बढ़ावा देगा।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा