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नेपाल सीमा पर चीनी अतिक्रमण संबंधी सरकारी फाइल गायब, कर्मचारियों के मुंह खोलने पर प्रतिबन्ध

नेपाल का विदेश मंत्रालय

काठमांडू, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नेपाल की उत्तरी सीमा पर चीन के अतिक्रमण को लेकर तैयार की गई सरकारी रिपोर्ट की फाइल गायब होने का खुलासा हुआ है।विदेश मंत्रालय की तरफ से संसदीय समिति को भेजे गए पत्र में जांच रिपोर्ट की फाइल मिसिंग होने की बात कही गई है। इतना ही नहीं, इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के कुछ भी बोलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

नेपाल और चीन के बीच सीमा विवाद की बात उठने के बाद 2021 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा की सरकार ने जांच के लिए गृह मंत्रालय के सहसचिव जयनारायण आचार्य के संयोजकत्व में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति ने तीन महीने तक नेपाल-चीन की सीमाओं का भ्रमण कर उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार करके सरकार को सौंप दी थी लेकिन उस रिपोर्ट को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया। अब जब उस रिपोर्ट की फाइल खोजी जा रही है तो वह रिपोर्ट ही गायब होने की बात बताई जा रही है। कुछ दिन पहले ही संसद की अंतरराष्ट्रीय संबंध समिति ने विदेश मंत्री को बुलाकर नेपाल-चीन सीमा से संबंधित रिपोर्ट के बारे में पूछा तो विदेश मंत्री डॉ. आरजू देउवा ने इस बारे में पता लगाकर संसदीय समिति को जानकारी देने की बात कही थी। अब विदेश मंत्रालय की तरफ से सोमवार को संसदीय समिति को भेजे गए पत्र में जांच रिपोर्ट की फाइल मिसिंग होने की बात कही गई है।

समिति के सभापति राजकिशोर यादव ने बताया कि आज ही विदेश मंत्री को दोबारा संसदीय समिति में खुद हाजिर होकर इस पर जवाब देने के लिए पत्र भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार इतनी असंवेदनशील कैसे हो सकती है। समिति के सभापति यादव ने कहा कि यह एक बड़ा षड्यंत्र है। नेपाल की सीमा पर चीन के अतिक्रमण की बात जगजाहिर है लेकिन सरकार के दस्तावेज से रिपोर्ट ही गायब हो जाना शर्मनाक है।

जांच समिति के संयोजक रहे जयनारायण आचार्य मौजूदा ओली सरकार में काठमांडू के प्रमुख जिला अधिकारी हैं। इस रिपोर्ट के बारे में पूछने पर आचार्य ने कुछ भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। इस समिति के एक सदस्य ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर बताया कि सरकार की तरफ से उनको इस रिपोर्ट के बारे में सार्वजनिक तौर पर या मीडिया में कुछभी बोलने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके लिए बकायदा लिखित में आदेश दिया गया है।

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(Udaipur Kiran) / पंकज दास

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