कोलकाता, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran) ।
धर्मतला में अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टरों पर पुलिस का दबाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के दो अन्य जूनियर डॉक्टरों के परिवारों ने पुलिस पर दबाव डालने का आरोप लगाया है।
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के दो जूनियर डॉक्टर भी अनशन कर रहे हैं, जिनमें मानसिक रोग विभाग के पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी (पीजीटी) आलोककुमार वर्मा का आरोप है कि पुलिस उनके उत्तर प्रदेश स्थित लखनऊ के घर गई और उनकी मां से बेटे की तबीयत बिगड़ने की बात कही। आलोककुमार ने कहा, मेरी मां ने मुझे फोन किया और ऐसा लग रहा है कि पुलिस अनशन तुड़वाने का दबाव बना रही है।
वहीं, दूसरे अनशनकारी, सौरभ बंदोपाध्याय के अनुसार, पुलिस ने उनके बांकुड़ा स्थित घर पर भी फोन कर इसी तरह का संदेश दिया। हालांकि, बांकुड़ा पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है।
आरजी कर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में शुमार अनिकेत महतो की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। अनिकेत के पिता, सेवानिवृत्त स्वास्थ्यकर्मी अपूर्वकुमार महतो और उनकी मां तारारानी महतो, अपने बेटे की स्थिति से चिंतित हैं, लेकिन वे उसके निर्णय के साथ खड़े हैं।पुलिस ने अनिकेत के पिता अपूर्वकुमार महतो से बेटे को समझाने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने अपने बेटे के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। अपूर्वकुमार ने कहा, वहां वरिष्ठ डॉक्टर हैं जो अनिकेत की देखभाल कर रहे हैं। अनिकेत की मां तारारानी महतो ने कहा, हम अपने बेटे की तबीयत को लेकर चिंतित हैं, लेकिन न्याय की लड़ाई में उसका पूरा समर्थन है।
इसी प्रकार, बांकुड़ा के शुभंकर सरणी निवासी स्नेह्दा हाजरा, जो कोलकाता मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर हैं, भी अनशन पर बैठी हैं। उनके पिता, पूर्व रेलवे कर्मचारी काजल हाजरा ने आरोप लगाया कि गुरुवार रात को पुलिस ने उनसे संपर्क किया। काजल हाजरा ने बताया कि पुलिस आधी रात को उनके घर पहुंची थी और उनसे अपनी बेटी को समझाने की बात कही थी। हालांकि, पुलिस ने इस पर दावा किया कि उन्हें रात में ही स्नेह्दा की तबीयत खराब होने की सूचना मिली थी, इसलिए उन्होंने तुरंत परिजनों को सूचित करना आवश्यक समझा।
पुलिस द्वारा कई जूनियर डॉक्टरों के परिवारों से संपर्क कर उन्हें अपने बच्चों को अनशन से हटने के लिए समझाने का आग्रह किया गया।
धर्मतला में जूनियर डॉक्टरों द्वारा जारी अनशन और पुलिस की प्रतिक्रिया से परिजनों में मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है। पुलिस का दावा है कि वे डॉक्टरों की सुरक्षा और सेहत को लेकर चिंतित हैं, लेकिन परिवारों का मानना है कि पुलिस अनशन तुड़वाने के लिए दबाव बना रही है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर