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एआईसीटीई ने तकनीकी संस्थानों में एवीपीएल एयरोविजन ड्रोन लैब शुरू करने के लिए की साझेदारी

एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम और अन्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों में एवीपीएल एयरोविजन ड्रोन लैब स्थापित करने के लिए गुरुवार को एवीपीएल के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस रणनीतिक साझेदारी के तहत शुरू में 50 संस्थानों में ड्रोन लैब स्थापित की जाएंगी। इस पहल का उद्देश्य तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देना और छात्रों एवं संकाय सदस्यों को उन्नत ड्रोन तकनीक में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है।

इस दौरान एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम ने कहा कि एवीपीएल एयरोविजन ड्रोन लैब की स्थापना छात्रों को ड्रोन तकनीक में अत्यधुनिक कौशल से लैस करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह तकनीकी शिक्षा और उद्योग-प्रासंगिक प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप है जो हमारे युवाओं को ग्लोबल जॉब मार्केट के लिए तैयार करता है। उम्मीद है कि यह साझेदारी उद्योग जगत के और भी प्रमुख लोगों को इस तरह की पहल के लिए प्रेरित करेगी। इससे व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उद्योग के लिए कार्यबल तैयार करने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में एआईसीटीई के उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे और सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार भी शामिल रहे।

इस अवसर पर एआईटीएमसी वेंचर्स लिमिटेड (एवीपीएल) की संस्थापक और प्रबंध निदेशक प्रीत संधू ने कहा कि भविष्य के कार्यबल को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता के साथ, एवीपीएल अत्यधुनिक ड्रोन प्रौद्योगिकी शिक्षा के माध्यम से वैश्विक रोजगार के अवसर पैदा करना चाहता है। आशा है कि इस साझेदारी से इस क्षेत्र में प्रतिभा की मांग और आपूर्ति के बीच की खाई को पाटने में सहायता मिल सकेगी।

एवीपीएल एक डीजीसीए प्रमाणित ड्रोन निर्माता और प्रशिक्षण कंपनी है, जो ड्रोन प्रशिक्षण और ड्रोन एज ए सर्विस (डीएएएस) सेवा देती है। ड्रोन लैब्स छात्रों के लिए महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में काम करेगी। यहां सैद्धांतिक अवधारणाओं को व्यावहारिक अनुभव के साथ एकीकृत करके छात्रों को उभरते जॉब मार्केट में सफल होने के लिए तैयार किया जाएगा। यह साझेदारी अभिनव शैक्षिक पद्धतियों को बढ़ावा देने और शिक्षा व उद्योग के बीच की खाई को पाटने के लिए एआईसीटीई की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

इस साझेदारी में भाग लेने वाले संस्थानों को एवीपीएल की ओर से अत्यधुनिक उपकरण, प्रशिक्षण मॉड्यूल और निरंतर समर्थन प्राप्त होगा। इससे वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के समाधान के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग करने में कुशल पेशेवरों को तैयार किया जा सकेगा।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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