नैनीताल, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट में 1975 के बाद से आज तक नैनीताल जिले के रामनगर से जुड़ा क्षेत्र सुंदरखाल में रह रहे लोगों को बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से राज्य सरकार द्वारा वंचित करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि 2014 में क्षेत्र के लोगों के विस्थापन के लिए बनाई गई कमेटी के निर्णय पर राज्य सरकार ने अब तक क्या निर्णय लिया है। इस संबंध में कोर्ट ने वन सचिव को चार सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार समाजसेवी संस्था इंडिपेंडेंट मीडिया सोसाइटी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नैनीताल जिले के सुंदरखाल में वर्ष 1975 से रह रहें ग्रामीणों को बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। इसे लेकर पिछले कई वर्षों से सुंदरखाल के ग्रामीण विस्थापन की मांग राज्य सरकार से करते आ रहे हैं।
इस पर सरकार ने वर्ष 2014 में एक कमेटी बनाकर विस्थापन करने का निर्णय लिया था। उसके बावजूद आज तक उन्हें विस्थापित नहीं किया गया और न ही राज्य सरकार ने उन्हें मूलभूत सुविधाएं दी। जबकि उनका यह क्षेत्र अति दुर्गम क्षेत्र में आता है। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई कि या तो उन्हें विस्थापित किया जाए या फिर उन्हें मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
(Udaipur Kiran) / लता