– बरपार में आयोजित हुई इसरो की कार्यशाला
– विभिन्न क्षेत्रों में स्पेस तकनीकी की उपयोगिता महत्वपूर्ण : शशांक मणि
देवरिया, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सदर सांसद शशांक मणि के प्रयास से जनपद के बैतालपुर क्षेत्र के ग्राम बरपार में जागृति उद्यमिता केंद्र पर इसरो से आई वैज्ञानिकों की टीम द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पांच सत्रों में चला। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सदर सांसद शशांक मणि ने कहा कि इसरो द्वारा आयोजित इस कार्यशाला से देवरिया और कुशीनगर के लोगों लिए एक नई सम्भावनाएं पैदा होंगी। जिसके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में हो रहें विकास कार्यक्रमों की जानकारी भी प्राप्त होगी और तमाम क्षेत्रों में तकनीकी का उपयोग भी बढ़ेगा।
इस अवसर पर पहले सत्र में रिमोट सेंसिंग और जीआईएस का अवलोकन, दूसरे सत्र में पृथ्वी अवलोकन और भूस्थानिक प्रौद्योगिकी, तीसरे सत्र में इसरो द्वारा विकसित bhuvan वेब पोर्टल पर कार्यशाला, चौथे सत्र में ग्रामीण विकास में रिमोट सेंसिंग जी आई एस का उपयोग, और पांचवे सत्र में कृषि क्षेत्र में रिमोट सेंसिंग का उपयोग पर चर्चा की गई।
सांसद ने आगे कहा कि इसके अलावा भवनों के निर्माण, सड़कों के निर्माण, वृक्षारोपण कार्यक्रम, ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों और पोखरों के सुंदरीकरण सहित ऐसी तमाम जानकारियां हमें उपलब्ध हो सकती हैं। जिनका उपयोग हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करते हैं।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए इसरो के वैज्ञानिक डाॅ. प्रकाश चौहान ने बताया कि अंतरिक्ष विज्ञान के माध्यम से भौगोलिक सर्वेक्षण, कृषि उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, नदियों की संरचना के बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त हो सकेगी। डाॅ अंजुम मेहताब ने बताया कि इस तकनीकी से भूस्थनिक परियोजनाओं का निबंधन, कृषि सिंचाई योजना, जियो पोर्टल, वाटर शेड प्रबंधन, उपग्रह इमेजिंग, फील्ड इन्वेंटरी, और निगरानी को एकीकृत करने में मदद मिलेगी । मुख्य विकास अधिकारी प्रत्युष पांडे ने कहा कि इस तकनीकी से अखिल भारतीय स्तर की परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी प्राप्त हो सकेगी, तथा सरकार द्वारा किए गए कार्यों का अवलोकन करने की सुविधा उपलब्ध होगी।
डाॅ. के के चौधरी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में रिमोट सेंसिंग के अनुप्रयोग से बोए गए क्षेत्र का आकलन तथा बुआई क्षेत्र के लिए अनुकूल फसल के प्रयोग के बारे जानकारी मिलेगी। सेटेलाइट डेटा से देश भर में प्रमुख फसलों का सटीकता से अध्ययन, फसलों के स्वास्थ्य की निगरानी तथा फसल मानचित्र के माध्यम से भौतिक जोखिम की जांच आसानी से की जा सकेगी। डाॅ जागृति डबास ने कहा कि गन्ना और धान की फसलों को स्पेस तकनीकी का उपयोग करके इनकी उत्पादन क्षमता में 10 से 20 प्रतिशत तक वृद्धि की जा सकती हैं। खेतवार जल की आवश्यकता का पता लगाया जा सकता है। कार्यशाला में आए अपने क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले जनप्रतिनिधियों को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया ।
इस दौरान रामपुर कारखाना के ब्लाक प्रमुख त्रिलोकी नाथ तिवारी, पिंटू जायसवाल, रामशीष गुप्ता, प्रभाकर राय, सेवारही के ब्लाक प्रमुख धनंजय तिवारी, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष अजय शाही, दिवाकर मिश्रा, निशिरंजन तिवारी, प्रभाकर तिवारी, रणविजय सिंह, मुरारी मोहन शाही, वशिष्ठ राय, पूर्व प्रमुख विजय राय, अमित सिंह, शैलेंद्र सिंह आजाद, रामदास मिश्रा मनीष सहाय उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / ज्योति पाठक