– मुख्यमंत्री ने निजुत मइना योजना के तहत मासिक वित्तीय सहायता वितरित करने की प्रक्रिया शुरू की
– हर महीने की 11 तारीख को छात्राओं को डीबीटी भुगतान मिलेगा: सीएम
– निजुत मइना के साथ बाल विवाह के ताबूत में अंतिम कील ठोकी गई
गुवाहाटी, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । बाल विवाह के खिलाफ अपनी सरकार की लड़ाई को निर्णायक चरण में ले जाते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने राज्य भर में निजुत मइना योजना के तहत मासिक वित्तीय सहायता वितरित करने की प्रक्रिया शुरू करते हुए आज यहां खानापाड़ा में आयोजित एक समारोह में कामरूप (मेट्रो), कामरूप (ग्रामीण) और मोरीगांव जिलों की छात्राओं को चेक प्रदान किए।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने 8 अगस्त को मासिक वित्तीय सहायता योजना, निजुत मइना का शुभारंभ किया था। इस योजना की परिकल्पना छात्राओं को उच्च अध्ययन के लिए और बाल विवाह के खिलाफ लड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए की गई है। इस योजना के एक हिस्से के रूप में सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में एचएस से पीजी स्तर तक की छात्राओं को मासिक वित्तीय सहायता दी जाएगी। एक शैक्षणिक वर्ष में 10 महीने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। एचएस प्रथम वर्ष में एक छात्रा 10 हजार रुपये यानी 10 महीने के लिए हर महीने एक हजार रुपये का हकदार होगी। स्नातक स्तर पर एक छात्रा 12 हजार 500 रुपये यानी हर महीने 1250 रुपये और पीजी स्तर की छात्रा 25 हजार यानी हर महीने 10 महीने के लिए 2500 रुपये का हकदार होंगी।
उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षों में, राज्य सरकार ने इस योजना के तहत 10 लाख छात्रों को शामिल करने का लक्ष्य रखा है। राज्य भर के सभी विधानसभा क्षेत्रों में चेक प्रदान करने के लिए एक आज विस्तृत कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कामरूप (मेट्रो), कामरूप (ग्रामीण) और मोरीगांव जिलों की 24,384 पात्र छात्राओं को चेक प्रदान किए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने 6 अक्टूबर को लड़कियों की शिक्षा के लिए ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि राज्य में लड़कियों की शिक्षा की शुरुआत 1935 में ही हो गई थी, लेकिन अब इसे निजुत मइना योजना के ज़रिए नई गति मिली है।
उन्होंने कहा, नवरात्रि के शुभ अवसर पर, बाल विवाह के खिलाफ़ हमारा अभियान निर्णायक चरण में पहुंच गया है, क्योंकि हमने निजुत मइना योजना के तहत मासिक वित्तीय सहायता वितरित करना शुरू कर दिया है। हर महीने की 11 तारीख़ को हमारी बेटियों को कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए निश्चित भुगतान मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बीते 8 अगस्त को शुरू की गई यह पहल बाल विवाह से लड़ने में एक बड़ा बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि निजुत मइना सकारात्मक सामाजिक परिणामों को प्रोत्साहित करेगा है। यह उच्च शिक्षा के लिए धन और सहायता प्रदान करेगा। परिवार के खर्चों को कम करेगा और लड़कियों को अपनी उच्च शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करके बाल विवाह को रोकेगा।
डॉ. शर्मा ने कहा कि 1500 करोड़ रुपये की लागत से 10 लाख छात्राओं को निजुत मइना योजना के तहत लाभ दिया जाएगा। पहले साल में 1.6 लाख से अधिक लड़कियों को 240 करोड़ रुपये मिलेंगे। निजुत मइना योजना के लिए योग्य होने के लिए, एक छात्रा को अपनी कक्षाओं में नियमित होना चाहिए, उसे अनुशासित होना चाहिए और अच्छे परिणाम देने चाहिए। एक छात्रा को पीजी स्तर तक अविवाहित होना चाहिए। मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की बेटियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
कुछ विद्यार्थियों की पढ़ाई छोड़ने के लिए जिम्मेदार समस्याओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि कक्षा नौ के विद्यार्थियों को साइकिल वितरण, कक्षा ग्यारह से स्नातकोत्तर स्तर तक लड़कियों का मुफ्त नामांकन, कक्षा नौ और दस के विद्यार्थियों को मुफ्त पाठ्य पुस्तकें, उच्चतर माध्यमिक में अच्छे परिणाम के लिए छात्राओं को स्कूटी जैसी योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार विद्यार्थियों की मदद करने और उनकी पढ़ाई को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है।
डॉ. सरमा ने बताया कि सरकार के पिछले प्रयासों के सकारात्मक परिणाम ने आज की दिशा में सरकार को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि अध्ययनों से पता चला है कि कैसे असम में बाल विवाह पर लगाम कसने से मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। निजुत मइना की शुरुआत के साथ इस सामाजिक बुराई (बाल विवाह) के ताबूत में आखिरी कील ठोक दी गई है। उन्होंने 2026 तक बाल विवाह को खत्म करने की अपनी योजनाओं के बारे में भी विस्तार से बताया।
इस दौरान शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगु, जल संसाधन आदि मंत्री पीयूष हजारिका, सांसद बिजुली कलिता मेधी, विधायक भबेश कलिता, मंत्री अतुल बोरा, विधायक हेमंग ठाकुरिया, दिगंत कलिता, सुमन हरिप्रिया, मुख्य सचिव रवि कोटा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. केके द्विवेदी और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश