रांची, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । झारखंड हाई कोर्ट ने धनबाद में अवैध खनन के मामले में सीबीआई के साथ परिवर्तन निदेशालय यानी ईडी को भी पीई दर्ज कर प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दाैरान अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि प्रारंभिक जांच में आरोपों को सही पाए जाने के बाद नियमित प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जाए।
न्यायालय ने सभी पुलिस अफसर को प्रारंभिक जांच में सीबीआई को सहयोग करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने आरूप चटर्जी की ओर से दायर रिट याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा अपनाए गए रवैया पर तल्ख टिप्पणी की है। इस मामले में अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि सरकार इस बात पर आमादा थी की अदालत कोई आदेश पारित नहीं कर सके। अदालत ने याचिका पर सुनवाई करने और फैसला सुरक्षित रखने के बाद राज्य सरकार की ओर से दायर आए संख्या 10676 को गंभीरता से लिया है।
अदालत ने इस मामले में कहा है कि याचिका पर सुनवाई के बाद 24 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। इसके बाद 26 सितंबर को सरकार की ओर से आईपीए संख्या 10676 दायर किया गया। इसमें सरकार की ओर से यह कहा गया है की अदालत फैसला सुनाने से पहले आइपीए संख्या 9800 पर फैसला करे। कोर्ट में इस आईए को इस नियत के साथ दायर किया गया ताकि अदालत मूल याचिका पर कोई फैसला नहीं कर सके। इसलिए अदालत ने इस आईए याचिका को खारिज कर दिया।
न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि सरकार की ओर से आईए संख्या 9800 के 14वें पैराग्राफ में सरकार की ओर से यह कहा गया है कि 11 मई को दायर की गई ऑनलाइन प्राथमिकी में लगे आरोपों की प्रारंभिक जांच भी अब तक पुलिस नहीं कर सकी है। इसमें सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि पुलिस को इस मामले में जांच करने का अधिकार नहीं है। सरकार की ओर से दायर किए गए आईए में वर्णित तथ्यों के मद्देनजर न्यायालय ने यह टिप्पणी की है कि इससे यह लगता है कि सरकार अपने वरीय अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर आमादा है।
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(Udaipur Kiran) / शारदा वन्दना