नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि उनकी पाकिस्तान यात्रा बहुपक्षीय मंच में भागीदारी से जुड़ी है और इसका कोई द्विपक्षीय पहलू नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे हर यात्रा से पहले अपेक्षित और अनपेक्षित दोनों स्थितियों के लिए पूरी तैयारी के साथ जाते हैं।
विदेश मंत्री ने नई दिल्ली में आयोजित शासन व्यवस्था पर सरदार पटेल स्मृति व्याख्यान को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे दुनिया बहु-ध्रुवीय व्यवस्था में लौट रही है। ऐसे में आत्मविश्वास, यथार्थवाद, तैयारी और विकसित भारत के लिए राष्ट्रवाद के सही संतुलन की आवश्यकता है। कार्यक्रम में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश भी मौजूद रहे।
जयशंकर ने कहा कि इस महीने के मध्य में उनका पाकिस्तान जाने का कार्यक्रम है। वे वहां भारत, पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने नहीं जा रहा हैं। वे एससीओ के एक सदस्य के नाते वहां जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति हैं, इसलिए अच्छा व्यवहार करेंगे।
विदेश मंत्री डॉ जयशंकर 15-16 अक्टूबर को पाकिस्तान में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखरवार्ता में शामिल होने जाएंगे। एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक में संगठन में शामिल देशों के शीर्ष नेता शामिल होते हैं। हालांकि भारत-पाकिस्तान के संबंधों के कारण यह माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसमें शामिल नहीं होंगे।
एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा समूह है जो सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। भारत, पाकिस्तान के अलावा चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान इसके सदस्य हैं।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा