नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के मामले में आरोप तय करने के मामले पर आरोपितों की ओर से दलीलें रखने में देरी करने पर गंभीर आपत्ति जताई है। एडिशनल सेसंस जज समीर बाजपेयी ने सुनवाई टालते हुए आरोपितों के वकीलों से कहा कि वे दलीलों के लिए तैयार रहें। आरोप तय करने पर अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।
आज सुनवाई के दौरान आरोपियों ताहिर हुसैन, आसिफ इकबाल तान्हा, उमर खालिद, शरजील इमाम और इशरत जहां की ओर से पेश वकीलों ने आरोप तय करने पर दलीलें रखने के लिए समय देने की मांग की। इस पर कोर्ट ने कहा कि ये आश्चर्यजनक है कि पिछली सुनवाई पर ये विशेष तौर पर गौर किया गया था कि आरोप तय करने पर आरोपितों के वकीलों की ओर से रोजाना दलीलें रखी जाएंगी। ये फैसला आरोपितों के वकीलों की सहमति से दिया गया था लेकिन कोई भी वकील दलीलें रखने के लिए तैयार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि दलीलें रखने के लिए जरुरत से ज्यादा समय दिया गाय है। ऐसे में आगे किसी भी देरी को कोर्ट गंभीरता से देखेगी। कोर्ट ने 21 अक्टूबर को ताहिर हुसैन के वकील को दलीलें रखने का निर्देश दिया। कोर्ट ने बाकी आरोपितों के वकीलों को निर्देश दिया कि वे ताहिर हुसैन की ओर से दलीलें खत्म होने के बाद दलीलें रखने के लिए तैयार होकर आएं।
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने जांच पूरी कर ली है। कोर्ट ने 5 सितंबर से इस मामले में आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई शुरू कर दी थी। दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया था कि 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुआ दंगा गहरी साजिश का नतीजा थी। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा था कि 4 दिसंबर 2019 को नागरिकता संशोधन कानून संसद की ओर से पारित होने के बाद दंगे की साजिश रची गई। उन्होंने चार्जशीट का जिक्र करते हुए कहा कि दंगे की इस साजिश में कई संगठन शामिल थे। इन संगठनों में पिंजरा तोड़, एएजेडएमआई, एसआईओ, एसएफआई इत्यादि संगठन शामिल थे। उन्होंने व्हाट्स ऐप ग्रुप में हुई बातचीत और गवाहों के बयानों का जिक्र करते हुए अपनी दलीलों की पुष्टि की।
बता दें कि इस मामले में 6 मार्च 2020 को एफआईआर दर्ज किया गया था। उसके बाद अब तक एक चार्जशीट और चार पूरक चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। इस मामले में उमर खालिद समेत 18 आरोपितों के खिलाफ यूएपीए के तहत दर्ज मामले में चार्जशीट दाखिल किया गया है।
इस मामले में जिन लोगों को आरोपित बनाया गया है उनमें सफूरा जरगर, ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता शामिल हैं। इनमें सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तान्हा, देवांगन कलीता और नताशा नरवाल को जमानत मिल चुकी है।
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा