नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान में एक सनातनी विद्वान प्रोफेसर मनोज चौहान अपने साहस और साफगोई के चलते बेहद चर्चित हो उठे हैं। कारण यह है कि पाकिस्तान की धरती पर पाकिस्तान के ही एक हिन्दू नागरिक ने सनातन धर्म को सबसे प्राचीन बताते हुए सार्वजनिक मंच से कथित इस्लामी विद्वान जाकिर नाइक से यह सवाल पूछा। वही जाकिर नाइक जो भारत में कट्टरता फैलाने के चलते भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। वर्तमान में वह मलेशिया में शरण लिए हुए है और अब पाकिस्तान सरकार के आमंत्रण पर इन दिनों इस्लामाबाद, करांची और लाहौर में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया है।
इस्लामाबाद में जाकिर नाइक के सम्मान में आयोजित 03 अक्टूबर (गुरुवार) को एक समारोह में अन्य मत पंथों के विद्वानों को भी आमंत्रित किया गया था ताकि वे जाकिर नाइक से इस्लाम की श्रेष्ठता समझ सकें। इस दौरान सनातन संस्कृति के विद्वान प्रोफेसर मनोज चौहान ने उनसे मंच पर आकर सवाल पूछा कि आखिर मजहब के नाम पर दुनिया भर में जारी हिंसा का हल क्या है। जाकिर नाइक ने जो जवाब दिया, वह बात अलग है। पर चर्चा इस बात की है कि प्रोफेसर मनोज चौहान ने अपना परिचय देते हुए बताया, ‘मैं सनातन धर्म का एक अंग हूं, एक गोल्ड मेडलिस्ट शिक्षाविद् हूं।’ इतना ही नहीं तो शारदीय नवरात्र के पहले दिन उन्होंने अपने सवाल की शुरुआत सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वाथ साधिके मंत्र से की। फिर उन्होंने अपने मादरे वतन यानि पाकिस्तान की खुशहाली और सलामती के लिए श्लोक पढ़े।
प्रोफेसर मनोज चौहान ने इसके बाद एक इस्लामी मंच से जो कहा, उसी के चलते वे बेहद चर्चा में हैं। उन्होंने कहा, ‘जब सनातन धर्म था तब तो कोई मजहब ही नहीं था। एक अरब छियानवे करोड़ चार लाख बत्तीस हजार साल का एक युग है सनातन धर्म का। उसमें भगवान श्रीकृष्ण ने इंसानों से कहा है कि हे मनुष्य, ये समाज तुम्हारी कर्मभूमि है और तुझे उसी कसौटी पर कसा जाएगा। इसलिए तू कर्म से भागने का जतन मत कर, क्योंकि निष्काम कर्म ही तेरा कर्तव्य है और तेरा कर्तव्य ही तेरा धर्म। लेकिन यदि यह धर्म केवल तेरे हित के लिए है तो यह पाप की ओर जाने वाला रास्ता है। इसलिए सिर्फ अपनों से मुक्त होकर समाज कल्याण का कर्म कर क्योंकि यही मोक्ष का मार्ग है। जन्नत का रास्ता है।’
पाकिस्तान के मंच पर श्रीमद्भागवत के एक श्लोक से प्रोफेसर मनोज चौहान ने जाकिर नाइक समेत तमाम इस्लामी विद्वानों के सामने न केवल सनातन धर्म की प्राचीनता और श्रेष्ठ विचार को रखा बल्कि एक प्रकार से केवल तेरे हित, यानी केवल इस्लाम की संकुचित सोच को भी परोक्ष रूप से समझाने का काम कर दिया। इस श्लोक का मर्म समझाते हुए उन्होंने पूछा कि पूरी दुनिया, खासकर इन दिनों मध्य पूर्व के देशों में मजहब के नाम पर लोगों को मारा जा रहा है, उसमें वह देश भी शामिल है। वह देश और उसका मजहब इसमें शामिल है। मजहब के नाम पर नफरत और हिंसा फैलाने वाली इस सोच को रोकने के लिए हमें जो रणनीति बनानी चाहिए, उसके लिए हम क्या करेंगे।’
प्रोफेसर मनोज चौहान के इतने साफ और सटीक सवाल पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जाकिर नाइक ने कहा कि जो प्रोफेसर चौहान ने पूछा वही मेजबान गवर्नर अब्दुल रशीद ने भी पूछा था। जाकिर नाइक ने कुरान शरीफ की एक आयत का उल्लेख करते हुए कहा कि हम सिर्फ एक अल्लाह की इबादत करें। उन बातों पर एक हो जाएं जो आपके-हमारे में एक सा है। इससे मजहब के नाम पर झगड़े बंद हो जाएंगे।
जाकिर नाइक ने भले फिर से एक ही अल्लाह की इबादत को शांति का मार्ग बताकर अपनी कट्टरता प्रकट की हो, पर भारत में प्रोफेसर मनोज चौहान का वीडियो वायरल हो गया है और लाखों लोग उसे पसंद कर उनके साहस, साफगोई और ज्ञान की प्रशंसा कर रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / जितेन्द्र तिवारी